________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
वालुय० पंक० धूमप्पभाए य होज्जा अहवा रयणष्पभाए जाव पंक तमाए होज्जा अहवा रयण० जाव पंक० अहेसत्तमाए य होज्जा | | अहवा रयण० सक्कर० वालुय० धूम० तमाए य होज्जा एवं रयणप्पभं अमुयंतेसु जहा पंचपंचकसंजोगो तहा भाणियव्वं जाव अहवा रयण० पंकष्पभाए जाव अहेसत्तमाए य होज्जा अहवा रयण० सक्कर० जाव धूमष्पभाए तमाए य होज्जा अहवा रयण० जाव धूम० | अहेसत्तमाए य होजा अहवा रयण० सक्कर० जाव पंक० तमाए य अहेसत्तमाए य होज्जा अहवा रयण० सक्कर० वालुय० धूमष्पभाए तमाए अहे सत्तमाए य होजा अहवा रयण० सक्कर० पंक० जाव अहेसत्तमाए य होजा अहवा रयण० वालुय० जाव अहेसत्तमाए होजा अहवा रयणप्पभाए य सक्कर० जाव अहेसत्तमाए य होज्जा। एयस्स णं भंते! रयणप्पभापुढवीनेरइयपवेसणगस्स सक्करप्पभापुढवी० जाव आहेसत्तमापुढवीनेरइयपवेसणगस्स य कयरे जाव विसेसाहिया वा?, गंगेया ! सव्वत्थोवे अहेसत्तमापुढ वीने रइयपवेसणए तमापुढ वीने रइयपवे सणए असंखेज्जगुणे एवं पडिलोमगं जाव रयणप्पभापुढ वीने रइयपवेसणए असंखेजगुणे (३७२। तिरिक्खजोणियपवे सणए णं भंते! कतिविहे पं०?, गंगेया ! पंचविहे पं० तं०- एगिंदियतिरिक्खजोणियपवेसणए जाव पंचेंदियतिरिक्खजोणियपवेसणए, एगे भंते! तिरिक्खजोणिए तिरिक्खजोणियपवेसणरणं पविसमाणे किं एगिंदिएस होज्जा जाव पंचिंदिएसु होज्जा ?, गंगेया! एगिंदिएसु वा होज्जा जाव पंचिंदिएसु वा होज्जा, दो भंते! तिरिक्खजोणिया० पुच्छा, गंगेया ! एगिंदिएसु वा होज्जा जाव पंचिंदियएस वा होजा, अहवा एगे एगिंदिएसु होजा एगे बेंदिएस होजा एवं जहा नेरइयपवेसणए तहा
॥ श्रीभगवती सूत्रं ॥
२५
पू. सागरजी म. संशोधित
For Private And Personal Use Only