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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir एगे रयणष्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा अहवा एगे सक्करप्पभाए एगे वालुयप्पभाए एगे पंकष्पभाए होजा अहवा एगे | सक्करम्पभाए एगे वालुयपभाए एगे धूमप्पभाए होज्जा जाव अहवा एगे सक्करम्पभाए एगे वालुयष्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे सक्करम्पभाए एगे पंकष्पभाए एगे धूमप्पभाए होजा जाव अहवा एगे सक्कर० एगे पंक० एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे सक्करम्पभाए एगे धूमष्पभाए एगे तमाए होज्जा अहवा एगे सक्करम्पभाए एगे धूमप्प० एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे सक्करम्पभाए एगे तमाए एगे अहे सत्तमाए होजा अहवा एगे वालुयष्पभाए एगे पंकष्पभाए एगे धूमप्पभाए होज्जा अहवा एगे वालुयष्पभाए एगे पंकष्पभाए एगे तमाए होज्जा अहवा एगे वालुयष्पभाए एगे पंकम्पभाए एगे अहे सत्तमाए होज्जा अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे तमाए होज्जा अहवा एगे वालुयप्पभाए धूमप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे पंकष्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे तमाए होज्जा अहवा एगे पंकप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे पंकप्पभाए एगे तमाए एगे अहे सत्तमाए होज्जा अहवा एगे धूमप्पभाए एगे तमाए एगे अहे सत्तमाए होज्जा । चत्तारि भंते ! नेरइया | नेरइयपवेसणएणं पविसमाणा किं रयणप्पभाए होज्जा पुच्छा, गंगेया ! रयणप्पभाए वा होज्जा जाव अहेसत्तमाए वा होज्जा अहवा एगे। रयणप्पभाए तिन्नि सक्करप्पभाए होज्जा अहवा एगे रयणप्पभाए तिन्त्रि वालुयप्पभाए होज्जा एवं जाव अहवा एगे रयणप्पभाए तिन्नि अहे सत्तमाए होज्जा अहवा दो रयणप्पभाए दो सक्करम्पभाए होज्जा एवं जाव अहवा दो रयणम्पभाए दो अहेसत्तमाए होज्जा, अहवा पू. सागरजी म. संशोधित ॥ श्रीभगवती सूत्रं ॥ १५ For Private And Personal Use Only
SR No.021006
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Pragnapti Sutra Part 02 Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnachandrasagar
PublisherJainanand Pustakalay
Publication Year2005
Total Pages283
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size17 MB
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