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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandit अग्गमहिसीणवि, बलस्सवि एवं चेव जाव अग्गभहिसीणं, धरणस्स य सामाणियतायत्तीसगाणं च समिता चंडा जाता, लोगपालाणं| | अगमहिसीणं ईसा तुडिया दढरहा, जहा धरणस्स तहा सेसाणं भवणवासीणं, कालस्सणं पिसाइंदस्स पिसायरण्णो तओ परिसाओ || पं००-ईसा तुडिया दढरहा, एवं सामाणियअगमहिसीणं, एवं जाव गीयरतिगीयजसाणं, चंदसणं जोतिसिंदस्स जोतिसरन्नो ततो || परिसातो पं००-तुंबा तुडिया पव्वा, एवं सामाणियअग्गभहिसीणं, एवं सूरस्सवि, सक्कस्सणं देविंदस्स देवरन्नो ततो परिसाओ। पं०२०- समिता चंडा जाया, एवं जहा चमरस्स जाव अग्गमहिसीणं, एवं जाव अच्चुतस्स लोगपालाणं । १५४ ॥ ततो जामा पं०२०पढमे जामे मज्झिमे जामे पच्छिमे जामे, तिहिं जामेहिं आतावलिपन्नत्तं धम्म लभेज सवणतातेपढमे जामे मज्झिमे जामे पच्छिमे जामे, एवं जाव केवलनाणं उपाडेज्जा पढमे जामे मझिमे जामे पच्छिमे जामे, ततो वया पं०२०-पढमे वते मज्झिमे वते पच्छिमे वए, ||तिहिं वतेहिं आया केवलिपन्नत्तं धम्म लभेज सवणयाए, तं०-पढमे वते मज्झिमे वते पच्छिमे वते, एसो चेव गमो णेयव्वो जाव केवलनाणंति । १५५ । तिविधा बोधी पं०२०-णाणबोधी दंसणबोधी चरित्तबोधी १ तिविह। बुद्धा पं०२०-णाणबुद्धा सणबुद्धा चरित्तबुद्धा २ एवं मोहे ३ मूढा ४११५६ । तिविहा पव्वजा पं०२०- इहलोगपडिबद्धा परलोकपडिबद्धा दुहतोपडिबद्धा, तिविहा पव्वज्जा पं००- पुरतो पडिबद्धा मागतो पडिबद्धा दुहओ पडिबद्धा, तिविहा पव्वजा पं०२०- तुयावइत्ता पुयावइत्ता बुआवइत्ता, तिविहा पव्वज्जा पं००-उवातपव्वज्जा अक्खातपव्वज्जा संगारपव्वजा । १५७ । तओ णियंठा णोसण्णोवउत्ता पं०० -पुलाए | ॥ श्रीस्थानाङ्ग सूत्र ॥ | पू. सागरजी म. संशोधित For Private And Personal
SR No.021003
Book TitleAgam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnachandrasagar
PublisherJainanand Pustakalay
Publication Year2005
Total Pages221
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_sthanang
File Size14 MB
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