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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पृष्ठाङ्क अनुयोगद्वारसूत्र भा०२ की विषयानुक्रमणिका अनुक्रमाङ्क विषय १ बीभत्स रस के लक्षण का निरूपण २ हास्य रस के लक्षण का निरूपण ३-६ ३ करुण रस के लक्षण का निरूपण ६-७ ४ प्रशान्त रस के लक्षण का निरूपण ८-११ ५ दश प्रकार के नाम का निरूपण १२-२१ ६ प्रतिपक्ष धर्म वाले के नाम का निरूपण २१-३२ ७ संयोगके स्वरूप का निरूपण ३३-४० ८ प्रमाणके स्वरूप का निरूपण ४०-४१ ९ स्थापना प्रमाण के स्वरूप का निरूपण ४२-५३ १० द्रव्यममाण के स्वरूप का निरूपण ५३-५४ ११ भावप्रमाण के स्वरूप का निरूपण ५५-६५ १२ तदित के नाम का निरूपण ६६-७७ १३ उपक्रम के प्रमाणनाम के तीसरा भेद का निरूपण ७८-७९ १४ द्रव्यममाण का निरूपण ८१-९५ १५ उन्मान के प्रमाण का निरूपण ९६-९८ १६ अवमान के और गणिम के प्रमाण का निरूपण १७ प्रतिमानप्रमाण का निरूपण १०६-११० १८ क्षेत्रप्रमाण का निरूपण १११-१२१ १९ आत्मामुलपमाण के प्रयोजन का निरूपण १२१-१३२ २० उत्सेधागलप्रमाग का निरूपण १३३-१५४ २१ नैरयिकों के शरीर की अवगाहना का निरूपण १५४-१६५ २२ पृथीकाय आदि के शरीर की अवगाहना का निरूपण १६६-१७४ २३ पंचेन्द्रियतिर्यग्योनिकों के शरीर के अवगाहना का निरूपण १७४-२०१ २४ बाणमंतर आदि के शरीर की अगाहना का निरूपण २०२-२११ २५ प्रमाणाहुल का निरूपण २११-२२७ २६ कालप्रमाण का निरूपण २२८-२३० २७ समय का निरूपण २३१-२४७ For Private And Personal Use Only
SR No.020967
Book TitleAnuyogdwar Sutram Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1968
Total Pages928
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_anuyogdwar
File Size21 MB
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