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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org दव्वाइया उ चउरो एक्केक दुहा पसत्थ-अपसत्था । अपसत्थे वज्जेउं पसत्थएसुं च आलोए अमणुण्णधण्णरासी अमणुण्णदुमा य हुंति दव्वम्मि । खेत्तम्मि भग्ग- ज्झामिय- घरऊसरपमुहठाणाणि Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir काले दढतिही तह अमावसा अट्टमी य नवमी य । छट्ठी य चउत्थी बारसी य दोण्ह पि पक्खाणं तह संझागय- रविगय पमुक्खनक्खत्त असुहजोगो य । भावे य रागदोसा पमाय-मोहादओ अहवा एएसुं नालोए आलोएज्जासु तव्विवक्खेसु । दव्वेसु धण्णमाईसु खीरदुमाईसु आलोए उच्छुवणे सालिवणे चेइयहरे चेव होइ खेत्तम्मि | गंभीरसाणुणा पाहिणा वण्णउदए य पुव्वुत्तसेसतिहिरिक्ख - करणजोगाइएसु कालम्मि | भावे माइपसमो उच्चाइठिएसु य गहेसु पाईणो दीणमुह चेइयहुत्तो य सुहनिसण्णो य । आलोयणं पडिच्छइ परोवयारेक्करसियमणो जह बालो जंपतो कज्जमकज्जं व उज्जुयं भणइ । तं तह आलोएज्जा मायामयविप्पमुक्तको उ नाणाइपंचरूवस्स भयवओ सुविहियाणुचिण्णस्स । आयारस्सइयारा आलोएयव्वया हुंति इयरे य सुयाईया आलोयाविति ते पुण तिक्खुत्तो । सरिसत्थअपलिउंचिय - आगाराईहिं नाऊण आगारेहि सरेहि पुव्वावरवाहयाहिं य गिराहिं । पलिउंचियस्सरूवं कुसला जायंति पाएणं ७२ For Private And Personal Use Only ॥ २२ ॥ ॥ २३ ॥ 11 28 11 ॥ २५ ॥ ॥ २६ ॥ ॥ २७ ॥ ॥ २८ ॥ ( दारं ॥ २९ ॥ ॥ ३० ॥ ॥ ३१ ॥ ॥ ३२ ॥ (दारं) || ३३ ॥
SR No.020963
Book TitleShastra Sandeshmala Part 22
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayrakshitvijay
PublisherShastra Sandesh Mala
Publication Year2009
Total Pages428
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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