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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra श्री व्यवहार सूत्रम् दशम उद्देशकः १४८८ (B) 15 20 www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir छट्ठीए से कप्पइ सत्त दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तर, सत्त पाणस्स । सत्तमीए से कप्पइ अट्ठ दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए, अट्ठ पाणस्स । अट्ठमीए से कप्पड़ नव दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए, नव पाणस्स । नवमी से कप्पइ दस दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए, दस पाणस्स । दसमीए से कप्पइ एगारस दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए, एगारस पाणस्स । एगारसमीए से कप्पइ बारस दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए, बारस पाणस्स । बारसमीए से कप्पड़ तेरस दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए, तेरस पाणस्स । तेरसमीए से कप्पइ चउद्दस दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए, चउद्दस पाणस्स | 20 चउद्दसमीए से कप्पइ पन्नरस दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए, पन्नरस पाणस्स । पुण्णमा से य अभत्तट्ठे भवइ । एवं खलु एसा वइरमज्झा चंदपडिमा अहासुत्तं जाव आणाए अणुपलिया भवइ ॥२॥ १. पालित्ता श्यु. ॥ For Private And Personal 15 सूत्र २ गाथा |३८१०-३८१२ द्वे चन्द्रप्रतिमे १४८८ (B)
SR No.020939
Book TitleVyavahar Sutram Part 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMunichandrasuri
PublisherOmkarsuri Gyanmandir Surat
Publication Year2010
Total Pages512
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_vyavahara
File Size13 MB
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