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श्री व्यवहारसूत्रम्
......५३८
गाथा विषयः
पेज १००७-१०१३ ............... ..द्विकविहारे प्रयोजनानि यतना च ........... .... ५३५-५३८ ................... सूत्र २-३............ पारिहारिकसामाचारी .............. सूत्र ४ ............... प्रायश्चित्तविधिः.............
............... ५३९ १०१७-१०१८..................... पारिहारिकसामाचारी .................. ...............५४०-५४१ ................... सूत्र ५................प्रायश्चित्तविधिः ........................... ........... ५४१ १०२१-१०२९
..........
............. प्रायश्चित्तकारणानि दृष्टान्तश्च........... ...........५४२-५४६ १०३०-१०३१.......................आलोचकसामाचारी .....
५४६ १०३२-१०३३ .................... .अनुपारिहारिककर्तव्यम् ...
...............५४६-५४७ .................. सूत्र ६ ............. ग्लानपारिहारिकसामाचारी. ..............
५४७-५४८ १०३९...........
............ पारिहारिकस्य पुनरागमनकारणानि ............. १०४०-१०४७ ..................... अशिवगृहीतपारिहारिकसामाचारी...
... ५५०-५५३ १०४८-१०५३ ......................यथालघुकादिव्यवहारः........................... ५५३-५५५ .................. सूत्र ७ ............ ग्लानालोचकं प्रति व्यवहार............... ................ सूत्र ८................ग्लानपाराञ्चिकं प्रति व्यवहारः.............
५५६
भाग-२
५४९
विषया
नुक्रम
५५५
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