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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir व्यवहार सूत्रनी प्रस्तावना. आ मन्त्री प्रस्तावना तेज पीठिका ठ, पगा मत्र घणु गंभीर ले. त्रम पीटिका पगा समुद्र तरवा जेवी कठया डे. तेथी तमां शु विषय छे त अहीं जणावीशु. साधुसाध्वीना ममा जग बधारणा ए मा गमो विषय हे, जेम पजाना रक्षमा माटे राज्यना कायदामो छ, तेम मा साके: कायदा भगेला न्यायाधीशी न्याय कर के अने गनेहगारने योग्य शिक्षा करे ?, अन जेने नुकशान धयं होय तेने बदलो अपाव छ: ते प्रमाणे साधुओए केम चालवू ते दशवैकालिक माचारोग विगरे मामा बनानयंत, अंने उत्पगधी निबाह न थाय तो अपवाद मार्ग उचित रीते सेवबा तथा अयोग्य रीते सेवनारने योग्य शिक्षा फरवान या मप्रमा माया नमुन मराम वर्ग माथी श्री भवाइस्लामीण उदयु, अने तमा जपर पोते नियुक्ति रची छः बनेनी गंभीरता जोई लेना पालामा पर्दधर T न रनमा उपक मालगिरि महाराज टीका ग्ची छ. मुनि माणेक. दाभग वाश हजार कोट जाल लखाण होपाथी घणो बखत धवा छपाववामां जाय, तम मूल्य वधार थाय, तेवा हतुथी पीठिका तथा प्रथम उशानो अपूर्ण भाग बहार पडयो जन मूल्य चार रुपिया दे, अने बीजो भाग जेमा प्रथम उद्देशो पूर्ण थाय छे ते वो भागमा लगभग अग्यार हजार एक प्रमाण लखागा है. तेना रू.: मूल्य थशे. साधुओने अने ज्ञान भंडारोने के विद्याप्रेमीप्रोने अोछा मूल्यमा मळे माटे पडतर किंमतेज भापवा 1 इरादो के, तेथी दरेके प्रथम मूल्य मोकली देवु के बंधारे प्रनिओ कपाश्वाथी प्रोडा मूल्ये मळे, नहितो प्रणछुटके बम मूल्य लेवामां आवो. . केशवलाल प्रेमचंद मोदी. वकील. हाजा पटेलनी पोळ-अमदावाद. मळवार्नु ठेकाणु: श्रीमत मोहनलालजी जैन श्वे. ज्ञानभंडार, गोपीपुरा, सुरत. For Private and Personal Use Only
SR No.020933
Book TitleVyavahar Sutram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManekmuni
PublisherJain Shwetambar Sangh
Publication Year1926
Total Pages330
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_vyavahara
File Size15 MB
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