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________________ Shahawan Aradhana Kendra Acharya Shri Kalassagersun Gyarmandie बाख्या प्राप्ति पछी ते जमालि अनगारने कालगत थयेला जाणीने भगवान् गौतम ज्यां श्रमण भगवान् महावीर ने त्यां आवे छे. अवीने KI श्रमण भगवान् महावीरने वांदे छे, नमे छे, बांदी-नमीने ते आ प्रमाणे बोल्या के-'हे भगवन् ! ए प्रमाणे देवानुप्रिय एवा आपनो 9 शतके अंतेवासी कुशिष्य जमालि नामे अनगार हतो, ते काळ समये काळ करीने क्यां गयो-क्यां उत्पन थयो [उ०] 'हे गौतमादि !' उद्देशा ए प्रमाणे कहीने श्रमण भगवंत महावीरे भगवान् गौतमने आ प्रमाणे का के-'हे गौतम ! मारो अंतेवासी कुशिष्य जमालि नामे // 8770 अनगार हतो ते ज्यारे हुए प्रमाणे कहेतो हतो, यावत् प्ररूपणा करतो हतो त्यारे ते आ बाबतनी श्रद्धा करतो नहोतो, प्रतीति के रुचि करतो नहोतो. आ बाबतनी श्रद्धा, प्रतीति 6. रुचि न करतो फरीथी मारी पासेथी नीकळीने घणा असद्भूत-मिथ्या भावोने प्रकट करवावडे-इत्यादि यावत् किल्विपिकदेवपणे उत्पन्न थयो छे. // 388 // कतिविहा ण भंते ! देवकिब्विसिया पन्नत्ता?, गोयमा तिविहा देवकिश्चिमिया पण्णत्ता, तंजहा-तिपलिओवमद्विझ्या तिसागरोवमहिइया तेरससागरोवमट्टिइया, कहिं णं भंते ! तिपलिओवमहितीया देवकिब्धिसिया परिवसंति?, गोयमा! उम्पि जोइसियाण हिहिँ सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु एत्थ णं तिपलिओवमट्ठिया देवकिविसिया परिवसंति / कहिं णं भंते ! निसागरोवमट्टिया देवकिब्बिसिया परिवसंति, गोयमा ! उप्पि सोह. ममीसाणाणं कप्पाणं हिटिं सणंकुमारमाहिंदेसु कप्पेसु पस्थ णं तिसागरोवमट्ठिइया देवकिब्विसिया परिवसति, कहिं णं भंते ! तेरससागरोवमहिइया देवकिञ्चिसिया परिवसनि?, गोयमा ! उरिप बंभलोगस्स कप्पस्म हिडिं | लंतए कप्पे एत्थ णं तेरससागरोबमहिइया देवकिदिवसिया देवा परिवसंति / देवकिदिवसिया णं भंते ! केसुरा 4% For Private and Personal Use Only
SR No.020923
Book TitleVyakhyapragnapti Sutra Part 04
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
Publisher
Publication Year
Total Pages238
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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