________________ Shri Mahawan Avadhana Kendra www.kabatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyarmandie व्याख्या-18 | होय ? [उ०] हे सुदर्शन ! ज्यारे अढारमुहूर्तनो मोटो दिवस होय अने बार मुहूर्तनी न्हानी रात्री होय त्यारे साडाचार मुहूर्तनी | 18| दिवसनी उत्कृष्ट पौरुषी होय छे, अने रात्रीनी त्रण मुहूर्तनी जघन्य पौरुषी होय छे. तथा ज्यारे अढारमुहूर्तनी मोटी रात्री होय अने शतके प्रचप्तिः |बार मुहर्तनो न्हानो दिवस होय त्यारे साडा चार मुहूर्तनी रात्रिनो उत्कृष्ट पौरुषी होय छे, अने व्रण मुहूर्तनी दिवसनी जघन्य 8 नदेशारर // 976 // पौरुषी होय छे. // 17 // ___ कदा णं भंते ! उक्कोसा अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवह जहनिया दुवालसमुहुत्ता राई भवही कदा वा उक्कोसिया, अट्ठारसमुहुत्ता राई भवति जहन्नए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ, सुदंसणा:आसाढपुन्निमाए उक्कासए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ जहन्निया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, पोसस्स पुन्निमाए ण उकोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राई भवह जहन्ना दुवालसमुहुत्ते दिवसे भड़॥ अत्थि णं भंते ! दिवसा य राईओ य समा चेव भवन्ति !, हंता! अत्थि, कदा णं भंते ! दिवसा य राईओय समा चेव भवन्ति, सुदंसणा! चित्तासोयपुन्निमासु णं, पत्थ णं दिवसा य राईओ य समा चेव भवन्ति, पन्नरसमुहुत्ते दिवसे पन्नरसमुहुत्ता राई भवइ चउभागमुहुत्तभागूणा चउमुहुत्ता दिवसस्स वा राईए वा पोरिसी भवह, सेत्तं पमाणकाले / / (सूत्र 425) / [प्र०] हे भगवन् ! अढार मुहूर्तनो मोटो दिवस, अने बार मुहूतनी न्हानी रात्री क्यारे होय ? तथा अढार मुहूर्तनी मोटी रात्री अने बार मुहूर्तनो न्हानो दिवस क्यारे होय ? [20] हे सुदर्शन ! आषाढपूर्णिमाने विषे अढार मुहूर्तनो मोटो दिवस होय छे, अन बार है. 12ii मुहूर्तनी न्हानी रात्री होय छे. तथा पोषमासनी पूर्णिमाने समये अढार मुहूर्तनी मोटी रात्री अने बार मुहूर्तनो न्हानो दिवस होय छे. / For Prvate and Personal Use Only