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सत्रह
टीका लिखी। वैद्यनाथ के पुत्र बालशर्मा को भी नागेश का शिष्य माना गया है । नीचे के चार्ट में नागेश की गुरु-शिष्य-परम्परा का विवरण दिया जाता है :
शेष श्रीकृष्ण
शेष वीरेश्वर (पुत्र)
भट्टोजि दीक्षित (शिष्य)
भानुजि दीक्षित
या
रामाश्रम (पुत्र)
पण्डितराज जगन्नाथ (शिष्य) वीरेश्वर दीक्षित (पुत्र)
हरिदीक्षित (पुत्र) नागेश भट्ट (शिष्य) वैद्यनाथ पायगुण्ड (शिष्य)
बालकृष्ण या बालम्भट्ट (पुत्र)
गोपाल (शिष्य)
कृतियाँ आफेस्ट' ने नागेश भट्ट की कृतियों के रूप में निम्न ग्रन्थों का नाम लिया है जिनकी संख्या ४७ है :--
१. अलंकारसुधाकुवलयानन्द २. अष्टाध्यायीपाठ ३. आचारेन्दुशेखर ४. आशौचनिर्णय ५. इष्टिकालनिर्णय ६. कात्यायनीतन्त्र ७. काव्यप्रदीपोद्द्योत ८. रसगंगाधरटीका गुरुमर्मप्रकाशिका ६. चंडीटीका अथवा देवीमाहात्म्यटीका १०. चंडीस्तोत्रप्रयोगविधि ११. तर्कभाषाटीका-युक्तियुक्तावली १२. तात्पर्यदीपिका १३. तिङन्तसंग्रह १४. तिथीन्दुशेखर
१५. तीर्थेन्दुशेखर १६. त्रिस्थलीसेतु १७. धातुपाठवृत्ति १८. रणिवादार्थ १६. पदार्थदीपिका २०. परिभाषेन्दुशेखर २१. पातंजलसूत्रवृत्ति २२. पातंजलसूत्रवृत्तिभाष्यच्छायाव्याख्या २३. प्रभाकरचन्द्रतत्त्वदीपिकाटीका २४. प्रयोगसरणि २५. प्रयश्चित्तेन्दुशेखर २६. प्रायश्चित्तेन्दुशेखरसारसंग्रह २७. महाभाष्यप्रदीपोयोत २८. रसतरंगिणीटीका
१. दु०-संस्कृत व्याकरण शास्त्र का इतिहास, भा० १, द्वितीय संस्करण, पृ० ३६२। २. द्र०-हिस्टरी आफ धर्मशास्त्र, भा० १, पादटिप्पण संख्या ११४० । ३. द्र० - कैटलोगस कैटलोगरम, भा० १, पृ० २८३-८४ ।
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