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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संकेतानर प्र० अमर० उप० का० काप्रशु० अध्याय अमरकोश उपनिषद् कारिका परमल घुमंजुषा 'ज्योत्स्ना' टीका-सहित, पं० कालिकाप्रसाद शुक्ल सम्पादित, महाराज सयाजीराव विश्वविद्यालय, बड़ौदा, वि० सं० २०१७ छान्दोग्योपनिषद् परमल घुमंजूषा, नित्यानन्द पर्वतीय कृत टिप्पणी सहित, पं० सदाशिव शास्त्री सम्पादित, चौखम्बा संस्कृत सीरीज, बनारस, १९४६ छान्दो० निस० त्या० न्यायसूत्र पलम० वैयाकरणसिद्धान्तपरमलघुमंजूषा अथवा परमलघुमंजूषा परिभाषा परि० पा० पाणिनीय अष्टाध्यायी (पाणिनीय सूत्रपाठ तथा तत्परिशिष्ट ग्रन्थों का शब्दकोष) श्रीधर शास्त्री पाठक द्वारा सम्पादित, भण्डारकर प्राच्य विद्या संशोधन मन्दिर, पूना १६३५ पाटि पाद टिप्पण महा० वा०, वाप० वैभूसा० पतंजलि-कृत व्याकरण महाभाष्य, पं० गुरुप्रसाद शास्त्री द्वारा सम्पादित, राजस्थान संस्कृत कालेज, बनारस, १६३८-३६ वाक्यपदीय, अभ्यंकर काशीनाथ वासुदेव तथा प्रभाकर विष्णु लिमये द्वारा, सम्पादित, पूना १६३५ कौण्डभट्ट कृत वैयाकरणभूषणसार, शांकरी व्याख्या-सहित, मारुलकर शंकर शास्त्री द्वारा सम्पादित, आनन्दाश्रम पूना, १९५७ वैयाकरणसिद्धान्तमंजूषा (वाराणसेय संस्कृत विश्वविद्यालय, वारणसी के सरस्वती भवन का हस्तलेख, संख्या ३६८२७) वैसिम० For Private and Personal Use Only
SR No.020919
Book TitleVyakaran Siddhant Param Laghu Manjusha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagesh Bhatt, Kapildev Shastri
PublisherKurukshetra Vishvavidyalay Prakashan
Publication Year1975
Total Pages518
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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