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________________ MALAMANACEANSanevaaTRONID A MADHANANIHDosridhEASEAMERARLANDSAMEERADIHa कर्मकीफासरे आज० ॥ ॥ पंचपंचऔरपंचत्याग के पच सुंप्रेमलगायेरे चारमेचर्मसुधाताजिनवर म नवंछितफलपायेरे आ० ॥ २ ॥ ठदसदोसरहि तप्रभुपारस बारगुणगुणवंतारे अष्टदायेकरिशष्टउ पार्ज नयेशिवनारीकंतारे आ०॥३॥ चारकल्याण नयेणनगर वंदतांहरखनमायेरे कहेजिनदासआ सुवदिअष्टमी ओगणीसवत्रीससुखदायेरेआ०॥४॥ इतित्री समाप्तं ॥ ॥ ॥देखोगतीकालकीरे कालवडीविकराल एदेशी ॥ अहोपंथीकहोकृपाकरीरे कहासिंहपुरीशनूप कहे इणनंमहोतीखरीरे नडदायेकालसरूप दे० ॥ १ ॥ सुनतसष्दवजमयेरे तातेपन्योदुखकूप धिगरदुख माकालकर इणखायोजगतअनूप दे० ॥२॥ राज्य रमणीरिधकागयरे पलट्योभूमिसरूप नरवरनामेर योनहीरे नयंकरदीसेअरूप दे० ॥३॥ दुखसमुद्र ज्यंबटडोरे त्यंजिनमंदिरअंक चारकल्याणश्रेयांस नारे वदताहरखविशेक दे० ॥ ४ ॥ पांचकोसपेचंद्र पुरीरं जिनकल्याणकचार चंद्रप्रभुजिहांदीपतारे क रताजगउपगार दे० ॥५॥ भुगादसबीसदीसेके रे मध्यमलोकरहंत दखतदिलगीरीउपजरे नयणेनीर करत दे० ॥६॥ जिणभमेसुरासुरवरूरे आवाग मनकरत सोनमीकालयांगसेरे अहोन्नयंकारदीसंत दे० ॥ ७ ॥आनंदएमुजऊपनुरे जिनपदकमलअनू प फरसीकल्याणकभूमिकारे जेशिवरूपसरूप दे० m
SR No.020913
Book TitleViveksar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShravak Hiralal Hansraj
PublisherShravak Hiralal Hansraj
Publication Year1878
Total Pages237
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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