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________________ नमहसेनवीरमित्र सत्यसेनचंद्रविभू महेंद्रस्वयंदेव सेनसुव्रत जिनेंद्रसुपार्श्वशंभू आ० ॥ ५ ॥ सुकोस लअनंतबिमल अजितसेनशिवराय अग्निदतअद यपददेता गुणजिनदासगहाय आ० ॥६॥ इति० ॥ अथ उगणीसमी पूजालिख्यते ॥दोहा॥ औगणी सअतिसयप्रनु देवकृतमनोहार इगीआरेकर्मदये मलश्तीसयचार ॥ १ ॥ धातकीपूर्वएरवत शति तेत्रीजिननाण बंटुमैं पयकमलतस इच्छाशिवसुख खाण ॥२॥ राग शास्याउरी ॥ श्वधूअनुपमप्रभु पदसेवा औरनइणसममेवा १० टेक० ॥ कामक्रो धादिकरहितमुद्राजस सुरनरसबकरेसेवा चौत्रीस अतिसयवंतकहीजे पांत्रीसवाणीवदेवा अ० ॥१॥ नविमनसरोवरेजिनपदकमल विकसतज्यंबालसुर जगमगरजीतप्रकासत अज्ञानतिमरगयेदर अ०२॥ जिनपांचेकल्पाणेहोवे नरकेपणउद्योत सणवारसब लहे संतोष प्रगटीजाणेजिनजोत अ० ॥३॥ बज स्वामीइंद्रयत्नसूर्यस्वामी परूरवस्वामीनाम अवबो धविक्रमसेनजिन निर्घटिकगुणधोम १० ॥ ४ ॥ हरिद्रप्रतेरितनिरवाण धर्महेतुजिनराय चतुर्मुख जिनकृतेटुस्वयंक विमलादित्यशिवपाये अ०॥५॥ देवप्रनधरणेद्रतीर्थनाथ उदयानंदशिवार्थ धार्मि कक्षत्रस्वामी हरिचंद्र करोजिनदासेपर्मार्थ अ०॥६॥ इतिश्री समाप्ता ॥ जलचंदनपुष्पधूपनै रथदीपादतकैर्निवेद्यवस्थैः ॥
SR No.020913
Book TitleViveksar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShravak Hiralal Hansraj
PublisherShravak Hiralal Hansraj
Publication Year1878
Total Pages237
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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