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________________ we Rames mass गीनइ नइनरनपंसकनइनारी शम० एटेक ॥ रूपी कर्जतोरूपनदेखरे अरूपीक्योंहोवेजगउपगारी त रणतारणकहहाबोजगगुरु अकलंकीबीतरागनयारी अग० ॥१॥ आगमवचनदयेविचारतो ज्ञान जमयजोतीतारी । अबेदीअवेदीअनंगी बलअतुल आकारविनारी अम० ॥२॥ लौकिकापहोलो कोत्तर पूर्वापरगतिन्यारीन्यारी रागीवेरागीमिल नक्योंहोवे लोहअर्जुनन्यायविचारी अग० ॥३॥ सिधसम्यगजिनेंद्रसंप्रति सर्वस्वामी मुनिवाणीप्या री विसिष्टअपरब्रह्मशांतिजि गंदा पर्वतकार्मुकध्या नवस्यारी अग० ॥४॥ कल्पसंवरस्वस्थानाथ श नंदरविचंद्रप्रनवनवपारी सामिसुकर्णसुकर्माप्रमम पार्वतसास्वतजगजयकारी अग० ॥ ५ ॥ कहजि नदासवैतजिनसेवत कल्प वृदज्योंजुगलनरनारी त्यंसुगणजिननक्तिकरनसे लेवै व्रतवंतवरेशिवना री अग० ॥ ६ ॥ इति संपूर्णा ॥ जलचंदनपुष्पधूपनै रथदीपाक्षतकैर्निवेद्यवस्त्रैः ॥ उपचारवरैर्वयंजिनेन्द्रान् रुचिरैरद्यमुदायजामहे ॥ अथ सातमी पूजा ॥ दोहा ॥ सातव्यसननिवारीये सातेनयेविचार सातनरकदुखटालवा सातमीपूजा सार ॥ १ ॥धातकीपश्चिमत्नरतमे अतीतकालयेह जगन्नास्करतिर्थकरू नयेज्ञानगुणगेह ॥ २ ॥ राग मालकोसनी नारीतोकी ॥ लघुतामेरेमनमानी ए देशी ॥ प्रनुतागुणइच्छकग्राणी रहेजिनचरणेचित a - mANDRA mommentenamesteememommememopmemamamaemamaAWRenwer
SR No.020913
Book TitleViveksar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShravak Hiralal Hansraj
PublisherShravak Hiralal Hansraj
Publication Year1878
Total Pages237
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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