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________________ ( २४ ) ६० ॥ ४ ॥ जंबूपन्नत्ती निरयावली जे सूत्र हांरे क प्यवडिपुष्पियाकेसूत्र हां० पुप्फचूलियन्हिदसा सूत्र हां० एमबारे उपांग पद० ॥ ५ ॥ दसवैकालिक उत्तराध्ययनधार हांरे आवश्यकपिंडवि सुहिएचार हां० नंदीसूत्रअनुयोगद्वार हां० सूत्रगणत्रीस प ६० ॥ ६ ॥ बेदनिशीथपेलोबी जोब्यवहार हां० दशा श्रुतस्कंधविचार हां० पंचकल्पजीतकल्पधार हां० महानिशीथ बेद पढ़० ॥ ७ ॥ चउसरणपयन्नोपेलो जगभाग हां० वीजोआउरपञ्चरकाण हारेत्री जलैजे महापचरकाण हां० जततंदुलवियाल पद० ॥८॥ गणिविज्ञयचंदा विजय मनोहार हां० देवेंद्र स्तुतिप यज्ञार हां० मरणसमाधिविचार हां० संथारा एदश पद० ॥ ९ ॥ इमजिनवाणीजिनदासवखाणी हां० गाविवेग खांणी हां० तेपावेपद निरबाणी हां० होये अजय बेद प० ॥ १० ॥ इतिसंपूर्ण ॥ थ सातमोतवन । एकवार बबदेस आवज्योजिणंदजी देश | एकबार जनेंवंदावजो सुपासजीयाटक रोमनखत्राधेनहिजिनना निरमलगात्रेसोहता सु० धेनुपयवतमंसनेलोही सासोश्वासवखाणता सुपा० ॥ १ ॥ आहारनीहारनदेखेकोई धर्मचक्रच लेगगने सु० बायावत्रनी होयेयाका से चामरदीयेवाजुढलने सु०॥ २ ॥ फटिकसिंहासननिर्मलसोहे सहस्रध्वजाच लेआगले सु० देवेरचिततरुतलेप्रनुसोभे दीपता तिप्रजामंडले सु० ॥ ३ ॥ हरखपामी महीधर होवे
SR No.020913
Book TitleViveksar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShravak Hiralal Hansraj
PublisherShravak Hiralal Hansraj
Publication Year1878
Total Pages237
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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