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________________ www.kobatirth.org Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ३. तिरेसठ शलाकापुरुष-नाम-सूची चौबीस तीर्थकर, बारह चक्रवर्ती, नौ नारायण, नो प्रतिनारायण और नो बलभद्र इन तिरेसठ महापुरुषोंको शलाकापुरुष कहते हैं। ये तिरेसठ शलाकापुरुष प्रत्येक अवसर्पिणीके चौथे कालमें और उत्सपिणी के तीसरे कालमें होते हैं । इस युगमें हुए शलाकापुरुषों के नाम इस प्रकार हैं १२ चक्रवर्ती ९नारायण २४ तीर्थंकर १. ऋषभदेव २. अजितनाथ ३. संभवनाथ ४. अभिनन्दन ५. सुमतिदेव ६. पद्मप्रभ ७. सुपार्श्वदेव ८. चन्द्रप्रभ ९. पुष्पदन्त १०. शीतलनाथ ११. श्रेयान्सनाथ १२. वासुपूज्य १३. विमलनाथ १४. अनन्तदेव १५. धर्मनाथ १६. शान्तिनाथ १७. कुन्थुनाथ १८. अरनाथ १९. मल्लिनाथ २०. मुनिसुव्रत २१. नमिनाथ २२. अरिष्टनेमि २३. पार्श्वनाथ २४. वर्धमान १. भरत २. सगर ३. मघवा ४. सनत्कुमार ५. शान्तिनाथ ६. कुन्थुनाथ ७. अरनाथ ८. सुभूम ९. महापद्म १०. हरिषेण ११. जयकुमार १२. ब्रह्मदत्त १. त्रिपृष्ठ २. द्विपृष्ठ ३. स्वयम्भू ४. पुरुषोत्तम ५. पुरुषसिंह ६. पुण्डरीक ७. दत्त ८. लक्ष्मण ९. कृष्ण ९ बलभद्र १. विजय २. अचल ३. धर्म ४. सुप्रभ ५. सुदर्शन ६. नन्दी ७. नन्दिमित्र ८. पद्म ( रामचन्द्र ) ९. बलदेव ९ प्रतिनारायण १. अश्वग्रीव २. तारक ३. मेरक ४. निशम्भ ५. कैटभारि ६. मधुसूदन ७. बलिहन्ता ८. रावग ९. जरासन्ध ३२ For Private And Personal Use Only
SR No.020901
Book TitleVir Vardhaman Charitam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSakalkirti, Hiralal Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1974
Total Pages296
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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