SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 79
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra पहिला हिस्सा उतने गेहूं की और एक मन राख उतने गेहूं के भूसे की जो हाथ लगो उस में रसायन विद्या के वसीले से नीचे लिखे बमूजिब हर एक तत्व देखा गया । गेहूं की सात सेर राख में तत्व पोटाश सोडा चूना फासफ़ो रिक एसिड सल्फ्यूरिक एसिड मैगनीशिया 0 0 बालू गंधक २ सेर छटांक सेर ० www.kobatirth.org 0 0 0 mm C N င भूसे की एक मन राख में oc ४ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir → ३६ मोज़ान छटांक | सेर | छटांक m For Private and Personal Use Only - was my own MN Mr २ ૧ د اله 010 ६ ૧ A २६ C ६ ५ १३ مان Curr भूसे ने तो जब उस बीघे भर खेत में जिस से इस गेहूं और इतना पोटाश वग़ैर पेड़ों की ख़ुराक निकाल ली है फिर ऐसी खाद पड़ेगी जिस में ये सब चीजें काफ़ी मौजूद हों ज़मीन नयो फ़सल बोने के लायक समझी जायगी । नहीं तो इसी तरह धीरे धीरे पेड़ों की सारी खगक निकल जाने से ऊसर बन जायगी ॥ गोवर खली राख हड्डी का चूर उमदा खाद है । इन में बहुत से वह तत्व मिले हैं जो पेड़ों की खुराक है । लेकिन यह न समझना कि सब अनाज और तरकारियां ७
SR No.020894
Book TitleVidyankur
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRaja Shivprasad
PublisherRaja Shivprasad
Publication Year1886
Total Pages89
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy