________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir // 18 // संहि. श्रीमयिकल्प्पतामस्म्मॅिल्लोकेशतसमाह // 46 // द्वेसृती। शृणवम्पितॄणामहन्देवानामुतमर्त्यांनाम् // ताब्भ्यामिदंविश्चमे है जत्समेतियदन्तरापितरम्मातरञ्च // 47 // इदन्हुविः // इदम्हु विश्प्रजननम्मेऽअस्तुदर्शवीर सर्व्वगणस्वस्तये // आत्मसनि / प्रजासनिपशुसनिलोकसन्न्यभयुसन // अग्निप्रजाम्बहुलाम्म / करोत्वन्नम्पयोरेतोऽअस्म्मासुधत्त॥४८॥[१७] उदीरताम् // उदी है। रतामवरऽउत्परासुऽउन्मयमार्शपितरःसोम्म्यासः // असुय्यऽ ALIGAIRECASSAGAIGANGANAGAR For Private And Personal