________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir हितायानवमोऽध्यायः // 9 // श्रीवेदपुरुषायनमः // अनुवाक्सू / / त्रम् // अपोदेवाश्चतस्रःसोमस्यत्विपिःपंचावेष्टाःसप्तसोमस्यत्वाच / तस्रइंद्रस्यवज्रःपंचस्योनासिचतस्रःसवित्रेकाश्विभ्यांचतस्रोष्टौ | चतुस्त्रिशत्॥ हरिःॐअपोदेवा ॥अपोदेवामधुमतीरगृभ्णन्नू / जैखतीराजखुश्चिाना // यानिम्मित्रावरुणावग्भ्यपिञ्चन्या है। भिरिन्द्रमनयुन्नत्यराती // 1 // वृष्ष्णऽऊर्मि॥ वृष्ष्णऽम्मि / रसिराष्ट्रदाराष्ट्रम्मैदेहिखाहावृष्ष्णऽमिरसिराष्ट्रदाराष्ट्रममुष्म्मै For Private And Personal