________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shei Kailashsagarsuri Gyanmandir आहुत // 9 // विश्वैभित्सोम्म्यम् // विश्वेभिल्सोम्म्यम्मदग्नऽ / इन्द्रेणवायुना // पिबामित्रस्यधामभिः // 10 // आयत् // आय : दिपेनृपतिन्तेजऽआनचिरेतोनिपिक्चन्द्यौरभीकै // अग्निश्शर्द्ध / मनवाय्युवानस्वाद्धयञ्जनयत्सूदयच्च ॥११॥अग्नेशर्छ / मह / तेसौभगायतवद्युम्नान्युत्तुमानिसन्तु // सञ्जास्प्पत्यसुयममा / कृणुष्ष्वशत्रूयतामभितिष्ठामहासि॥१२॥ त्वाहि / मन्द्र, तममर्कोकैर्वमहेमहिनश्रोष्ष्य॑ग्ने // इन्द्वन्नत्वाशव॑सादेवता For Private And Personal