________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir संहि. उ. अ. // 46 // RABARBARIBAGAGAING+ युश्चान्तरिक्षञ्चसन्नतेतेमेसन्नमतामदऽ आदित्यच्चद्यौश्चसन्नतेते / मेसन्नमतामदऽआपञ्चवरुणच्चसन्नतेतेमेसन्नमतामदः // सुप्त / // 26 // सहसदोऽअष्टमीभूतसाधनी // सकामाँरअद्धनस्कुरुसंज्ञानमस्तु / मेमुना॥१॥यथेमाम्॥यथेमांबाचङ्कल्ल्याणीमावदानिजनैब्भ्यः॥ ब्रह्मराजन्याब्भ्याशूद्रायुचाऱ्यांयचखायचारणायच // प्पि / योदेवानान्दक्षिणायैदातुरिहर्भूयासमयम्मेकामह समृद्यतामुप मादोनमतु ॥२॥बृहस्प्पतेऽअति // बृहस्प्पतेऽअतियदुर्योऽअ // 46 // For Private And Personal