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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir युवा सदस्यों को जैनधर्म की विशेषताएँ और आज के दौर में भी उसकी प्रासंगिकता से पहचान करवा सकें। युवा संघ अपने समाज के साथ पूरे सिंगापोर समुदाय के लिए भी कुछ करना चाहता है । सिंगापोरे वेगेतारियन सोसाइटी के कार्यक्रमों में भी वे अपना हाथ बटाते हैं। सिंगापोर के अनाथालय और वृद्धाश्रम में भी वे कई बार अपनी सेवाएं प्रदान करते हैं। अहिंसा के गुणों का प्रसारण करने के लिए वे कई कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। विभिन्न देशों के युवा जैन संगठनों से यह मित्रता और भाईचारे का सम्बन्ध बनाए रखते हैं। जैन पाठशाला सन् 1970 में सिंगापोर जैन पाठशाला आरम्भ हइ। भावी पीढी को अपने धर्म की पहचान करवाना, अपने मूल्यों का उन नन्हें दिमागों में आरोपण करना जरूरी था।अपनी विविध प्रथाओं से नयी पीढ़ी को ज्योतिमान करने के लिए इस पाठशाला की स्थापना की गयी। यहाँ जैनधर्म के नियमों को खूब मनोरंजक रूप से सिखाया जाता है। बदलते समय को ध्यान में रखते हुए विभिन्न माध्यम,जैसे कम्प्यूटर और खेल के जरिये जैन धर्म की परम्पराएँ और क्रियाओं का अर्थ सिखाया जाता है। बच्चों के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास के लिए योग, सामायिक और विविध खेलों का आयोजन किया जाता है। प्रतिवर्ष विभिन्न धार्मिक स्थानों की सैर का आयोजन होता है, ताकि जैनधर्म के अनेकान्तवाद के सिद्धान्त को समझाया जा सके। इस पाठशाला को जैनधर्म की एक अग्रणी संस्था बनाने के लिए हर एक प्रयत्न किया जाता है। विभिन्न धार्मिक गतिविधियाँ महावीर जयन्ती : महावीर जयन्ती की हार्दिक प्रतीक्षा हर एक सदस्य करता है। इस अवसर का आयोजन करने में सारा समाज जी-जान से जुट जाता है। महावीर जयन्ती का कार्यक्रम तीन दिन का होता है। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत कई बार विदेश से जैनधर्म के विद्वानों को भी आमन्त्रित किया जाता है। विदेशों में इन जैन त्योहार की छुट्टी नहीं होती, सभी त्योहार शनिवार और रविवार की छुट्टी में ही मनाये जाते हैं। ऐसे त्योहार साथ मनाना जरूरी हो जाता है, क्योंकि व्यस्त जीवन में परिवार को एक धर्म की डोर से बाँधना बहुत कठिन है। महिलाएँ लगभग 800 लोगों के भोज की व्यवस्था में व्यस्त हो जाती हैं। जैन पाठशाला के बच्चे भी अपनी कला का प्रदर्शन करने को उत्सुक रहते हैं। समाज के हर एक परिवार से एक पुरुष सदस्य इस भोज की तैयारी में साथ देता है और एक महिला पूड़ी बेलने के काम में मदद करती है। महावीर जयन्ती उत्सव सिंगापोर जैन समाज की एकता का प्रतीक है। पर्युषण पर्व और समूह पारना : पर्युषण पर्व, एक ऐसा समय है जब स्थानक में सिंगापोर में जैनधर्म :: 751 For Private And Personal Use Only
SR No.020865
Book TitleJain Dharm Parichay
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRushabhprasad Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2012
Total Pages876
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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