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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सन्दर्भ 1. प्रो. बी.बी. दत्त ने इसे हिन्दू गणित कहा है। उनकी कालजयी रचना History of Hindu Mathematics, vol. 1& 2, Motilal Banarsidas, Lahore, 1935, 39 Reprint Bhartiya Kala Prakashan, Delhi, 2001 में वैदिक एवं जैन परम्परा के गणित को समाहित किया गया है। 2. षट्खण्डागम, आचार्य धरसेन, धवला टीका सहित, भाग 1-16, संपा.-डॉ. हीरालाल जैन, द्वितीय संस्करण, जैन संस्कृति संरक्षक संघ, सोलापुर, 1973 आदि। 3. कषायपाहुड़, आचार्य गुणधर, आचार्य यतिवृषभ कृत चूर्णिसूत्रों सहित, भा.दि. जैन संघ, मथुरा, 1968 आदि 4. पंचास्तिकाय, आचार्य कुन्दकुन्द, पण्डित टोडरमल स्मारक ट्रस्ट, जयपुर, षष्ठम् संस्करण,1998 5. तत्त्वार्थसूत्र, आचार्य उमास्वामी (उमास्वाति?), विवे.-पं. फूलचन्द्र शास्त्री सिद्धान्ताचार्य, श्री गणेशवर्णी दि. जैन शोध संस्थान, वाराणसी, 1991 6. तिलोयपण्णत्ति (त्रिलोकप्रज्ञप्ति), भाग 1-3 अनु. आर्यिका विशुद्धमती, भा. दि. जैन महासभा, कोटा, 1984-90 7. त्रिलोकसार (प्राकृत तिलोयसार), आचार्य नेमिचन्द्र सिद्धान्तचक्रवर्ती, अनु.-आ. विशुद्धमती, आ. शिवसागर ग्रन्थमाला, श्रीमहावीरजी, 1974 8. जम्बूदीव-पण्णत्ति-संगहो (जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति संग्रह), आ. पद्मनन्दि, संपा.-प्रो. हीरालाल जैन एवं आ. ने. उपाध्ये, जैन संस्कृति संरक्षक संघ, सोलापुर, 1958 9. लोक विभाग, आ. सिंहसूरर्षि कृत, संपा.-प्रो. हीरालाल जैन एवं आ. ने. उपाध्ये, जैन संस्कृति संरक्षक संघ, सोलापुर, 1962 10. गोम्मटसार (जीवकाण्ड एवं कर्मकाण्ड), भाग 1-4 संपा, -सिद्धान्ताचार्य पं. कैलाश चन्द्र जैन, भारतीय ज्ञानपीठ, दिल्ली, 1979-80 11-12. लब्धिसार-क्षपणासार, आचार्य नेमिचन्द्र सिद्धान्तचक्रवर्ती, संपा. - पं. रत्नचन्द मुख्तार, आ. शिवसागर ग्रन्थमाला, श्रीमहावीरजी, 1983 13. सिद्धान्तसारदीपक, भट्टारक सकलकीर्ति, टीका-आर्यिका विशुद्धमती, आ. शिवसागर ग्रन्थमाला, श्रीमहावीरजी, 1981 14. त्रैलोक्य दीपक, पं. वामदेव, अप्रकाशित, अमर ग्रन्थालय, इन्दौर, पाण्डुलिपि क्रमांक 293 15. त्रिलोक दर्पण, कवि खड्गसेन, अप्रकाशित, अमर ग्रन्थालय, इन्दौर, पाण्डुलिपि क्रमां. 513 16. पाटी गणित, आचार्य श्रीधर, सम्पादन अनुवाद-कृपा शंकर शुक्ल, लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ, 1968 त्रिंशतिका, श्रीधराचार्य, व्याख्याकार-डॉ. सुद्युम्न आचार्य, राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान, नई दिल्ली, 2004 ज्योतिर्ज्ञानविधि-आचार्य श्रीधर, अप्रकाशित, ऐलक पन्नालाल दि. जैन सरस्वती भण्डार, उज्जैन पाण्डुलिपि क्रमांक 661 17. गणितसार-संग्रह, महावीराचार्य, अनुवाद प्रो. लक्ष्मीचन्द्र जैन, जैन संस्कृति संरक्षक संघ, सोलापुर, 1963 508 :: जैनधर्म परिचय For Private And Personal Use Only
SR No.020865
Book TitleJain Dharm Parichay
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRushabhprasad Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2012
Total Pages876
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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