SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 62
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir तुलसी शब्द-कोश 607 पास' मा० ३.३०.१२ 'ब्याल-पास ।' मा० ६.७३.११ (४) क्रीडाविशेष की गोरी। पासंग : सं०० (सं० प्रासंग-बैल आदि के गले में डाली जाने वाली लकड़ी आदि >प्रा० प्रासंग)। तुला का सन्तुलन बनाने हेतु रखा या बांधा जाने वाला पदार्थ (प्रसंगा, प्रसंघा) । 'मेरे प्रासंगहु न पूजिहैं।' विन० २४१.४ पासा : पास । (१) समीप । 'हरषि चले कुंभज रिषि पासा।' मा० ३.१२.१ (२) ओर, दिशा। ‘अति उतंग जलनिधि चहुं पासा ।' मा० ५.३.११ (३) बन्धन । 'सुनत श्रवन छूटहिं भव-पासा ।' मा० ७.१२६.१ (४) क्रीडा विशेष की गोट। पासू : पास+कए० । सामीप्य+बन्धन । 'लुबुध मधुप इव तजइ न पासू ।' मा० १.१७.४ पार्स : संपु०ब० (सं० पाशक>प्रा० पासय) । द्यूतक्रीडाविशेष की काष्ठ निर्मित गोटी । 'सुढर पासे ढरनि ।' गी० १.२८.४ ।। पाहन : पाषाण (प्रा० पाहाण) । (१) पत्थर (२) कठोर । 'कपट छुरी उर पाहन टेई ।' मा० २.२२.१ (३) ओला । 'जाचत जल पबि पाहन डारउ ।' मा० २.२०५.२ पाहनो : पत्थर भी । पाहनी पसीजै।' क० ४५ पाहरू : सं०० (सं० प्राहरिक>प्रा० पाहरिअ) । यामिक, पहरेदार । मा० ५.३० पाहरूई : पहरेदार ही । पाहरूई चोर हेरि हिय हहरान है।' कवि० ७.८० पाहि, ही : पहिं (सं० पादयोः>प्रा० पाहि) । चरणों में, पास । 'ब्याकुल गयउ देव रिषि पाहीं।' मा० ७.५६.३ पाहि : आ०-प्रार्थना-मए० (सं.)। तू रक्षा कर । 'अब प्रभु पाहि सरन तकि आयउँ।' मा० ३.२.१३ पाही : (१) पाहि। 'अस कहि परेउ चरन प्रभु पाही।' मा० ७.१८.८ (२) सं०स्त्री० । गांव से दूर खेती जहाँ प्रायः बसना पड़ता है । 'पाही खेती बट लगन ।' दो० ४७८ पाहुन : वि०० (सं० प्राघुण>प्रा. पाहुण)। अतिथि, अभ्यागत । मा० / २.२१३.७ पाहुनि : पाहुन+स्त्री० । 'पाहुनि पावन प्रेम प्रान की।' मा० २.२८६.४ पाहुने : पाहुन+ब० । 'प्रिय पाहुने भूप सुत चारी ।' मा० १.३३५.३ पाहू : (पा+हू) पैर (पर) भी । 'दीनता कही..... 'परि पाहू ।' विन० २७५.१ पिंग : वि० (सं०) । रक्त-पीत, ललौंछ पीला, भूरा । 'पिंग नयन ।' हनु० २ पिंगल : पिंग (सं.) । 'पिंगल जटा।' विन० ११.२ For Private and Personal Use Only
SR No.020840
Book TitleTulsi Shabda Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBacchulal Avasthi
PublisherBooks and Books
Publication Year1991
Total Pages612
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy