SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 159
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 704 तुलसी शब्द-कोश बांधा : (१) भूक०० । कसा । 'मग बिलोकि कटि परिकर बांधा। मा० ३.२७.७. (२) (बांध) बनाया। 'बाँधा सेतु ।' मा० ६.३.७ (३) सेतु द्वारा प्रवाह पर मार्ग बनाया। 'बाँधा सिंधु इहइ प्रभुताई ।' मा० ६.२८.१ बांधि : प्रकृ० । बाँध कर । (१) लपेट कर, कस कर । ‘तेल बोरि पट बाँधि पुनि पावक देहु लगाइ।' मा० ५.२४ (२) बन्दी बनाकर । 'बानरु बेचारो बाधि आन्यो हठि हार सों। कवि० ५.११ (३) सेतुबद्ध करके। 'बाँधि बारिधि...." दोउ बीर मिल हिंगे।' गी० ५.६.४ बाँधिए, ये : आ०कवा०प्रए । बांधा जाय । 'बेगि बाँधिए ब्याधि ।' दो० २४२ बांधिबे : भकृ०० । बाँधने । 'बाँधिबे को भव गयंद रेनु की रजु बटत ।' विन० १२६.३ बांधियगी : आ०भ०स्त्री०कवा०प्रए । बांधी जायगी। 'अब बाँधियगी कछु मोट कला की।' कवि० ७.१३४ बाँधिहै : आ०भ०प्रए । बाँधेगा, बांधकर बनायेगा । 'अब तुलसी पूत रो बाँधिहै।' विन० २४१.५ (दे० पूतरो)। बांधी : (१) बाँधि । बन्दी बनाकर। 'तिन्हहि जीति रन आनेसु बांधी।' मा० १.१८२.३ (२) भूक०स्त्री० । बन्धन में पड़ी, रुद्ध की हुई । 'कामधेनु कृपा... मरजाद बाँधी रही है ।' गी० १.८७.४ (३) मर्यादाबद्ध की (प्रतिष्ठित की)। 'बेद बाँधी नीति ।' गी० ७.३५.२ बाँधे : (१) बाँधे हुए (स्थिति में) 'कटि तूनीर पीत बट बाँधे ।' मा० १.२४४.१ (२) दृढता से संभाले हुए । 'बाँधे बिरद बीर रन गाढ़े।' मा० १.२६६.१ । बाँधे : भूक०० ब० । (१) मर्यादित किये। 'बाँधे घाट मनोहर ।' मा० ७.२८ (२) बन्दी बनाये गये । 'के व भाजे आइहै के बांधे परिनाम ।' दो० ४२२ (३) बांधे जाने । 'मोहि न कछु बांधे कइ लाजा।' मा० २.२२.६ बांधेउँ : आ०-भूकृ.पु+उए । मैं बांधा गया-बन्दी बनाया गया। तेहि पर बाँधेउँ तनयँ तुम्हारे ।' मा० ५.२२.५ बाँधेउ : भूक.पु.कए । बाँध लिया। 'खर्ब निसाचर बाँधेउ नागपास सोइ राम।' मा० ७.५८ बांधेसि : आ०-भूक ००+प्रए० । उसने बाँधा । 'नागपास बाँधेसि ले गयऊ।' मा० ५.२०.२ बांधेसु : आ०-भ० + आज्ञा+मए । तू बाँधना, बन्दी बना लेना । 'मारसि जनि सुत, बाँधेसु ताही ।' मा० ५.१६.२ बाँध : (१) बाँधइ । (२) मए । तू बाँध। 'तात बाँध जिनि बेरै ।' गी० ५.२७.३ For Private and Personal Use Only
SR No.020840
Book TitleTulsi Shabda Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBacchulal Avasthi
PublisherBooks and Books
Publication Year1991
Total Pages612
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy