SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 481
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir चतुर्विशस्तम्भः। ३७१ कलहे तत्समीपं च वर्जनीयं निरंतरम् ॥ देशकालविरुद्धं च भोज्यं कृत्यं गमागमौ ॥ १९॥ भाषितं व्यय आयश्च कर्त्तव्यानि न कर्हिचित् ॥ चातुर्वर्ण्यस्य सर्वस्य व्रतादेशोयमुत्तमः ॥ २०॥ इतिचातुर्वर्ण्यस्यसमानोबतादेशः ॥ अथ चारों वर्गों का समान व्रतादेश कहते हैं. ॥ अपने पूज्य गुरुके कहे देवधर्मादिका पालना, देवपूजा करनी, साधुकी यथायोग्य पूजा करनी, ब्राह्मण और लिंगधारीको प्रणाम करना. । न्यायसें धन उपार्जन करना. परकी निंदा वर्जनी, किसीका भी अवर्णवाद न बोलना, राजादिविषयक तो विशेषसें अवर्णवाद न बोलना.। अपने सत्वको छोडना नही, धनके अनुसार दान देना, लाभानुसार खरच करना, भोजनके कालमें भोजन करना.। थोडे जलवाले देशमें वसना नही, नदी और धर्मगुरुवर्जित देशमें भी नहीं वसना.। राजा, राज्याधिकारी, स्त्री, नदी, लोभी, पूर्ववैरी, इनोंका विश्वास नहीं करना. । कार्यविना स्थावर जीवोंकी भी हिंसा नहीं करनी । असत्य अहितकारि वचन नही बोलना, गुरुओं (बडों) के साथ विवाद नहीं करना. माता, पिता और गुरु, इनको उत्कृष्ट तत्त्वकीतरें मान सत्कार करना। शुभ अष्टादश दूषणरहित सर्वज्ञोक्त शास्त्रका श्रवण करना; अभक्ष्य (नही खाने योग्य) का भक्षण नहीं करना; जे त्यागने योग्य नहीं है, उनका त्याग नही करना; जे मारणे योग्य नहीं है, तिनको मारणा नही. अतिथि, सुपात्र, और दीन, इनको यथाविधि यथायोग्य दान देना; दरिद्र, अंधे, दुःखी, इनको भी यथाशक्ति दान देना. । हीन अंगवालोंको, और विकलोंको कदापि हसना नहीं । भूख, तृषा, घृणा, क्रोधादि उत्पन्न हुए भी, गोपन करने । षट् (६) अरिवर्गका विजय करना, गुणोंमें पक्षपात करना, देशाचार आचरण करना, पाप और अपवादका भय करना.। सदृश आचारवाले, समजाति, और अन्य गोत्रजोंके साथ विवाह करना; धर्म अर्थ कामको निरंतर परस्पर अप्रतिबंधसे साधन करना.। अपने और परायेका ज्ञान For Private And Personal
SR No.020811
Book TitleTattva Nirnayprasad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVallabhvijay
PublisherAmarchand P Parmar
Publication Year1902
Total Pages863
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy