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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir तत्वनिर्णयप्रासाद. धान करके एकादशांग तो पूरे करे, और बारमे अंगके पढनेवास्ते श्री संघने तीक्ष्ण बुद्धिवाले श्री स्थूलभद्रादि ५०० साधु नैपाल देशमें श्री भद्रबाहुस्वामीके पास भेजे. तिनमेसें एक श्री स्थूलभद्रजीनेही दश पूर्व सूत्रार्थसें और चार पूर्व सूत्र मात्र पढे. श्री स्थूलभद्रजीके शिष्य श्री आर्यमहागिरि और श्री आर्यसुहस्तिने दश पूर्वहि सूत्रार्थसें पढे. तहांसे लेके वज्रस्वामी तक दश पूर्वके कंठाग्र ज्ञानवाले आचार्य रहे ; परंतु अर्थांश तो क्रमसें न्यून न्यूनतर होता चला गया. और वज्रस्वामी दश पूर्वधरने सर्व शास्त्रोंका उद्धार अर्थात् किसी जगे प्राचीन नाम निकालके नवीन नाम प्रक्षेप करे ; अस्तोव्यस्त हुए आलापकोंको न्यूनाधिक करके स्थापन करे; इत्यादि उद्धार करा, तिनके पीछे दशमा पूर्व पूर्ण व्यवच्छेद हुआ, अर्थात् श्री आर्यरक्षितसूरि साढे नव पूर्व कंठाग्र ज्ञानवाले हूए, संपूर्ण दशमा पूर्व नही पढ सके. पीछे स्कंदिलाचार्यके समयमें बारां वर्षीय पुनः काल पड़ा; तिसमें भिक्षाके न मिलनेसे क्षुधादोषसें साधुयोंकों अपूर्वार्थ ग्रहण १, अपूर्वार्थ स्मरण २, और श्रुतपरावर्तन ३, ये तीनो मूलसेंही जाते रहे. और जो अतिशायी अर्थात् चमत्कारी लोकोंमें चमत्कार दिखलानेवाले बहुत शास्त्र नष्ट हो गए. और, अंगोपांगादिमें जो ज्ञान था, सो भी पठन पाठन परावर्त्तनादिके न होनेसें भावसे नष्ट हो गया. बारां वर्ष पीछे सुभिक्ष होनेसें मथुरा नगरीमें स्कंदिलाचार्य प्रमख श्रमण संघने एकत्र मिलके जो जिसके याद था, सो सर्व अनुपांगादि एकत्र करके, ऐसेंहि कालिक, उत्कालिक, श्रुत, और पूर्वगत किंचित् संधान करके रचे. मथुरा नगरीमें पुस्तक जोडे गए, इस वास्ते इसकों जैन मतमें 'माथुरी वाचना' कहते हैं. कितनेक आचार्य ऐसें कहते हैं, कि पीछले बारांवर्षीय दुर्भिक्षकालमें श्रुत नष्ट नहीं हुआ था, किंतु तिस समयमें तितनाहि ज्ञान रह गया था, शेष पहिलाही कंठसें भूल गया था, केवल अन्य जे युगप्रधान सूत्रार्थके धारक थे, वे सर्व दुर्भिक्षमें मृत्युधर्मकों प्राप्त हो गए थे, For Private And Personal
SR No.020811
Book TitleTattva Nirnayprasad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVallabhvijay
PublisherAmarchand P Parmar
Publication Year1902
Total Pages863
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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