SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 107
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir (८३) पैसा रखतेहैं, वा नहीं ? वगैरह विचार किये विनाही, पोलीस कमिश्नरको बंदोबस्त वास्ते हुक्म भेज दिया. श्रावकोंने बारीस्टर वगैरह भी बुलाया था. कमिश्ररने तलास करके अपना निश्चय करलिया. कुच्छ भी नहीं बना. श्री महाराजजी साहिबके सेवक जीत गये. और प्रतिपक्षीको लोकोकी तरफसे गालियां तिरस्कारका सिरोपाव मिलतारहा! देशदेशावरोंमें स्वर्गवासकी खबर पहुंचतेही बजार हाट बंधकरके हडताल पडी, हाहाकार होगया.हजारों रुपयोंका दान पुन्यहुआ.जगेजगे पूजा भणाई गई, वगैरह हजारों धर्म कार्य हुए. इस तरांह श्रीमहिजयानंदसूरि (श्रीआरमारामजी) महाराजका जीवन चरित, संक्षेपसे वर्णन किया. इससे मालूम होगा कि, इन महात्माने विद्याकी प्राप्ति, धर्म शोधन और जैनधर्मके उद्धारके वास्ते, कितना बडा परिश्रम उठाया और अंतमें कैसा जय प्राप्त किया था. ऐसे महात्मा पुरुषोंको धन्य है ! इन महात्माके उपकारकी यादगीरीमें, प्रायः हरएक ठिकाने विद्याशाला स्थापन होरहीहै; और उनके चरण, तथा तिनकी मूर्तिकी स्थापना होगई है और भी करनेकी हिलचाल होरहीहै. पंजाब देशमें इनके अपूर्व जयकी यही निशानीहे कि, अमृतसर, जीरा, हुशीमारपुर, पट्टी, अंबाला, सनखतरा, कोटला, नीकोदर, लुधिआना,जालंधर, झंडीयाला,वेरोवाल, जेजो, रोपड, कसूर, नारोवाल, आदि क्षेत्रोंमें श्रीजिन मंदिर बनगये हैं. और अन्य ठिकाने बने जाते हैं. ॥ इति शुभम् ॥ वेद बॉणांके इंदब्दे नभोमासे सिते दले, प्रतिपदासरे शुक्र, चरितं श्रुतिसौख्यदम् ॥१॥ नारोवालपुरे रम्ये, सुव्रतजिनमंडिते, चतुर्मासीस्थितेनेदं, विजयानंदसूरीणाम् ॥२॥ यदृष्टं यच्छतं यच्चा-नुभूतं किल तन्मया, वल्लभविजयाख्येन, भाषायां ग्रथितं मुदा ॥३॥ इति तपगच्छाचार्य श्रीमहिजयानंदसूरि शिष्य महोपाध्याय श्रीमल्लक्ष्मी विजय शिष्योपाध्याय श्रीमद्धर्ष विजय शिष्य मुनिवल्लभ विजय विरचितं श्रीमहिजयानंदसूरि चरितं समाप्तं ॥ ॥ शुभं लेखक पाठकयोरिति । For Private And Personal
SR No.020811
Book TitleTattva Nirnayprasad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVallabhvijay
PublisherAmarchand P Parmar
Publication Year1902
Total Pages863
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy