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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रथम खण्ड 369 श्री सुमतिचंद जैन दास जायसवाल पकड़े गये, फिर तीसरे दिन बारी आई बढार, जिला-शहडोल (म0 प्र0) के श्री अध्यक्ष कमलचंद जैन, मांगीलाल पाटनी, सुमेरचंद जैन सुमतिचंद जैन, पुत्र-श्री परमोले लाल जैन का जन्म और छात्र नेता जगदीश विद्यार्थी की... 1916 में हुआ। 1932 में बुढ़ार में जब स्वाधीनता पाँच जेलयात्री सर्वश्री मयाचंद जटाले, मन्नालाल आन्दोलन उभार पर आया पंचोलिया, नारायणदास जायसवाल, कमलचंद जैन और तो आप उसमें कूद पड़े। समेरचंद को जेल में हो रही ज्यादतियों के खिलाफ आपने कटनी (जबलपुर) में बगावत करके 2 अक्टूबर को मंडलेश्वर जेल तोड़ने, विदेशी वस्त्रों की दुकान पर नगर में जाकर गांधी जयन्ती की सभा में भाग लेने धरना दिया, तब आपको के आरोप में सात-सात वर्ष की सजायें हुईं और उन्हें गिरफ्तार कर सात दिन कटनी जेल में रखा गया। इन्दौर के सत्याग्रहियों के साथ सेन्टल जेल कि ल भिजवा 1942 के आन्दोलन में आप 17-8-1942 को दिया गया।' बुढ़ार मजिस्ट्रेटी की इमारत पर तिरंगा झण्डा फहराने नगर में होने वाली सभाओं का ऐलान आप हाथ का प्रयास कर रहे थे, तब दो तीन पुलिस वाले वहाँ में ध्वनि प्रसारक यन्त्र लेकर सिपाही के सदृश बिगुल आ गये। आप कसरती पहलवान थे अत: पुलिस वालों बजाते हए करते थे। आप सनावद प्रजामण्डल के को एक तरफ झटककर आपने झण्डा फहरा दिया। सक्रिय कार्यकर्ता रहे हैं। इस बीच कुछ पुलिस वाले और आ गये, फलत: आO-(1) जै0 स0 रा0 अ0, पृष्ठ-75 (2) नवभारत, आपको गिरफ्तार कर लिया गया और सेन्ट्रल जेल रीवां इन्दौर, 4 सितम्बर 1997 भेज दिया गया, जहाँ आप 5-3-1943 तक श्री सरेन्द्रकमार जैन अन्डरट्रायल रहे। आपको 100/- रुपये जुर्माना और जिला स्वतंत्रता सैनिक संघ के मंत्री, प्रसिद्ध छह माह के कठोर कारावास की सजा दी गई, जो कवि, लेखक, पत्रकार एवं प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ आपने रीवां जेल में काटी। आजादी के बाद भी आप श्री सुरेन्द्रकुमार जैन, पुत्र-श्री सामाजिक कल्याण के कार्यों में सहयोग देते रहे। 2 बृजलाल जैन का जन्म 7 अगस्त 1971 को आपका देहावसान हो गया। फरवरी 1926 को छतरपुर आ0-(1) म0 प्र0 स्व० सै0, भाग-5, पृष्ठ-316 (2) (म0प्र0) में हुआ। पंचायत स्वा0 आ0 श), पृष्ठ-155-156 (3) जै०स०रा०अ०, पृष्ठ-65 राज, सहकारी समाज, श्री सुमेरचंद जैन विन्ध्यवाणी, उत्सर्ग, जैसी सनावद (म0प्र0) के श्री सुमेरचंद जैन को पत्र/पत्रिकाओं/स्मारिकाओं के 1942 के आन्दोलन में सात वर्ष की सजा हुई थी। सम्पादक श्री जैन लम्बे समय तक श्री दि) जैन इस सन्दर्भ में नवभारत, इन्दौर, दिनांक 4-सितम्बर अतिशय क्षेत्र खजुराहो के उपाध्यक्ष एवं मंत्री रहे थे। 1997 लिखता है-'सत्याग्रह करते हुए एक के बाद श्री जैन ने अपने राजनैतिक जीवन के सन्दर्भ एक प्रजामंडल के नेता गिरफ्तार होते रहे। पहले जत्थे में आकाशवाणी, छतरपुर को दिये एक साक्षात्कार में में मयाचंद जटाले, मन्नालाल पंचोलिया और नारायण कहा था कि 'सन् 1936-1937 में मैं कक्षा 5 For Private And Personal Use Only
SR No.020788
Book TitleSwatantrata Sangram Me Jain
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain, Jyoti Jain
PublisherPrachya Shraman Bharati
Publication Year2003
Total Pages504
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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