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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org 320 में देखें) बजाज को भर्ती कराया; जिसके अध्यापक श्री गौरीशङ्कर पाराशर और बाद में श्री आयुप्रसाद जी रहे। श्री बजाज ने श्री भैयालाल चौधरी के चर्खा प्रचार आन्दोलन को सम्भाला और इस कार्य में लगभग 15000/- का नुकसान भी उठाया। बजाज जी को व्यायाम का अधिक शौक था, इन्होंने भिन्न-भिन्न मोहल्लों में व्यायाम शालाएं खुलवाईं तथा श्री दि0 जैन नन्हें मन्दिर जी और जैन धर्मशाला के बगल के आंगन में अपने खर्च से ही बाहुबलि व्यायामशाला बनवाई, जिसने 1942 के आन्दोलन में आशातीत सहयोग दिया। इस व्यायामशाला में जैन- अजैन सभी लाठी आदि चलाने की शिक्षा लेते थे और जुलूसों व सभाओं का प्रबंध करते थे। 1930 के आन्दोलन में आपने भाग लिया फलत: 4 माह की सजा तथा 80 रु0 का अर्थदण्ड पाया। 1942 के आन्दोलन में आपने - अपने भतीजे रूपचंद जी बजाज को जेल भेजा, जो 9 माह 15 दिन तक जेल में रहे। आप स्वयं भूमिगत रहे तथा श्री लीलाधर जी सर्राफ के सहयोग से जेलवासियों के घरों को आर्थिक सहायता जुटाते रहे, बुलेटिन छपवाकर बटवाते रहे। श्री बजाज सम्पन्न घराने के होने के कारण अभी तक समाज के हर कार्य में अग्रसर रहते हैं। आप लगातार 30 वर्ष तक श्री दि० जैन अतिशय क्षेत्र कुण्डलपुर कमेटी के अध्यक्ष रहे हैं। आ - ( 1 ) म० प्र० स्व0 सै0, भाग 2, पृष्ठ 89 (2) श्री संतोष सिंघई, दमोह द्वारा प्रेषित परिचय | श्री राजेन्द्रकुमार महनोत उज्जैन (म0प्र0) के स्वाधीनता सेनानी दम्पती श्री सरदारसिंह महनोत और श्रीमती सज्जनदेवी महनोत के ज्येष्ठ पुत्र श्री राजेन्द्रकुमार महनोत अपनी शिक्षा बीच में ही छोड़कर 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन में कूद पड़े, फलत: गिरफ्तार हुए और 1946 में छूटे। आO (1) जै० स० रा० अ०, पृष्ठ-90 Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir स्वतंत्रता संग्राम में जैन श्री रामचंद जैन ललितपुर (उ0प्र0) निवासी श्री रामचंद जैन के पिता का नाम श्री प्रभुदास जैन था। आपका जन्म 24-9-1927 को हुआ । क्रांतिकारियों को सहयोग प्रदान करते-करते 'करो या मरो' की भावना के वशीभूत होकर 1942 के आन्दोलन में। वर्ष का कठोर कारावास तथा 100/- रुपये जुर्माना माह की और कठोर कारावास अदा न करने पर 2 की सजा आपने भोगी। आ० - र० नी०, पृष्ठ-28 (2) डा0 बाहुबलि जैन द्वारा प्रेषित परिचय श्री रामचंद जैन कर्नावट उज्जैन (म0प्र0) के श्री रामचंद जैन, पुत्र- श्री रघुनाथ का जन्म 1901 में हुआ। आपने माध्यमिक शिक्षा ग्रहण की। देश पराधीन था अतः आप विद्यार्थी जीवन से ही राष्ट्रीय कार्यों में सक्रिय हो गये। 1930 के नमक सत्याग्रह में आपने भाग लिया तथा 3 माह का कारावास भोगा । डौंगरगांव में जंगल सत्याग्रह में भी 3 माह की सजा आपने काटी । प्रजामण्डल द्वारा तराना, महिदपुर में आयोजित एक सभा में भाषण देने पर आप पुनः गिरफ्तार कर लिये गये और 1 वर्ष 6 माह के कारावास का दण्ड भोगा । आ) - (1) म) प्र) स्व0 सै0, भाग 4, पृष्ठ 172 श्री रामचंद भाई शाह छिन्दवाड़ा (म0प्र0) से सांसद और विधायक रहे श्री रामचंद भाई शाह, पुत्र- श्री नरहरि भाई शाह का जन्म 17 अक्टूबर 1917 को गांगवा, जिला - जामनगर (गुजरात) में हुआ। अपने छात्र जीवन से ही आप राष्ट्रीय आंदोलन में रुचि लेने लगे थे। श्री दुलीचंद भाई मेहता आपके मुख्य प्रेरणास्रोत थे। उनकी प्रेरणा से ही आपने स्वतंत्रता आंदोलन में भाग For Private And Personal Use Only
SR No.020788
Book TitleSwatantrata Sangram Me Jain
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain, Jyoti Jain
PublisherPrachya Shraman Bharati
Publication Year2003
Total Pages504
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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