SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 39
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Xxxviii www.kobatirth.org स्वतंत्रता संग्राम में जैन संस्था है, जिसने अनेक महत्त्वपूर्ण ग्रन्थों का प्रकाशन किया है। संस्था के अध्यक्ष श्री योगेश कुमार जैन, खतौली, मंत्री श्री रवीन्द्र कुमार जैन (नावले वाले) तथा कोषाध्यक्ष श्री मनीष जैन ( शाहपुर वाले), मुजफ्फरनगर बधाई के पात्र हैं। Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्री अनिल कुमार जैन, बाम्बे - सागर रोडवेज, नागपुर ने कम्प्यूटर कार्य हेतु अर्थ - साहाय्य प्रदान कर इस कार्य को सुगम बनाया है उनके इस साहित्य- प्रेम के आभारी हैं। श्री कमलेश कपिल ने बड़े ही मनोयोग पूर्वक शब्द - संयोजन का कार्य किया है। मुद्रण में श्री मनोहरलाल जैन ने जो तत्परता दिखाई है उसके लिए इन दोनों महानुभावों के प्रति आभार व्यक्त करते हैं। अन्त में आपसे यही अनुरोध करना है कि इस पुस्तक में जो कुछ वरेण्य फूल हैं वे सब अपने पूज्य आचार्यों, गुरुजनों, महानुभावों, मित्रों और सहयोगियों के आशीर्वाद और शुभकामनाओं के फल हैं और जो कुछ अवरेण्य शूल हैं वे सब हमारे अपने हैं। आशा है हमारी वस्तु हमें लौटाने की सदाशयता आप दिखायेंगे। 'गच्छन्तः स्खलनं क्वापि भवत्येव प्रमादतः । हसन्ति दुर्जनाः तत्र समादधति सज्जनाः ।।' For Private And Personal Use Only कपूर चंद जैन श्रीमती ज्योति जैन राष्ट्रीयता प्रत्येक देश को स्वाधीन रहने का जन्मसिद्ध अधिकार है। उस अधिकार को जो छीनना चाहे, उसका सम्पूर्ण शक्ति लगाकर सामना करना ही राष्ट्रीयता है। प० चैनसुखदास न्यायतीर्थ
SR No.020788
Book TitleSwatantrata Sangram Me Jain
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain, Jyoti Jain
PublisherPrachya Shraman Bharati
Publication Year2003
Total Pages504
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy