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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra प्रथम खण्ड स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हमारे साथी यह कविता गाते थे 'खड़ी रहेगी, पुलिस फौज अरु, पड़े रहेंगे, सब हथियार थोड़े दिन में दिखता है यह डूब जायेगी ये सरकार पकड़ना हो तो पकड़ ले जालिम सुना रहे हैं, सरे बाजार अब न टिकेगी, हिन्द देश में पाखंडी जालिम सरकार गूँजे आजादी का नाद इंकलाब जिन्दाबाद धन शोषण की क्रूर कहानी पूँजीपतियों की नादानी हमें हमेशा रहेगी याद इंकलाब जिन्दाबाद लाठी गोली सेण्ट्रल जेल जालिम का है अन्तिम खेल कर ले मनमानी सैय्याद इंकलाब जिंदाबाद ये मजदूरो और किसानो भावी राज्य तुम्हारा जानो www.kobatirth.org उजड़े घर होंगे आजाद इंकलाब जिंदाबाद। ' आ- (1) म) प्र) स्व) सै), भाग-1, पृ0-139 (2) स्व) प() श्री गंगाधर जैन श्री गंगाधर जैन का जन्म 1909 में प्रभात पट्टन, जिला - बैतूल (म0प्र0) में हुआ, आपके पिता का नाम श्री बाला जी था, आपने कक्षा 4 तक शिक्षा ग्रहण की। 1930 के देशव्यापी कांग्रेस आंदोलन में बड़े ही उत्साहपूर्वक आपने भाग लिया। 1 वर्ष की कडी सजा एवं 75रु (0) के अर्थदंड की सजा आपको मिली, जिसे Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 141 आपने सहर्ष स्वीकार कर लिया। आपमें देशभक्ति की भावना कूटकूट कर भरी थी । आ( ) ( 1 ) म) प्र) स्व0 सै0, भाग-5, पृ0-150 श्रीमती गंगाबाई जैन कानपुर (उ0प्र0) की श्रीमती गंगाबाई जैन प्रसिद्ध देशभक्त वैद्य कन्हैयालाल जी ( इनका परिचय इसी पुस्तक में अन्यत्र देखें) की धर्मपत्नी थीं, श्रीमती जैन, उनके पति और दो पुत्र जेल यात्री रहे हैं। शिक्षा प्रसार-प्रचार के लिए समर्पित श्रीमती जैन अपने पति के साथ कन्धे कन्धा मिलाकर आन्दोलन में सक्रिय रहीं। जैन सन्देश, राष्ट्रीय अंक लिखता है - 'आपको स्वदेशी से बड़ा प्रेम था । आपके कारण जैन समाज की तथा नगर की स्त्रियों में स्वदेशी का काफी प्रचार हुआ। 1931 के आन्दोलन में जब कानपुर में यू०पी० कांग्रेस का जलसा श्रद्धेय बा0 पुरुषोत्तम दास जी टण्डन के सभापतित्व में हुआ था, उसकी स्वागताध्यक्षा बनने के कारण आपको छह मास का कारावास हुआ था।' (आ) - (1) जै० स० रा० अ) (2) पं(0) बच्चू लाल जी द्वारा प्रदत्त परिचय | श्री गजाधर जैन उर्फ श्री नाथूराम छतरपुर (म0प्र0) के श्री गजाधर जैन उर्फ श्री नाथूराम पुत्र - श्री गुलाबराय जैन का जन्म 1906 में हुआ। स्वतंत्रता संग्राम में आप 1942 से ही सक्रिय हो गये थे। 1947 में गंज कैम्प में । माह का कारावास आपने भोगा । आ) - ( 1 ) म0प्र0 स्व() सै0, भाग-2 प0 107 श्री गटोलेलाल भायजी भायजी' उपनाम से विख्यात, सागर (म0प्र0) के श्री गटोलेलाल ने अहमदाबाद कांग्रेस में बीना के प्रतिनिधि के रूप में भाग लिया। 1929 में रेलवे सत्याग्रह में भाग लेने के कारण आपने 15 दिन की For Private And Personal Use Only
SR No.020788
Book TitleSwatantrata Sangram Me Jain
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain, Jyoti Jain
PublisherPrachya Shraman Bharati
Publication Year2003
Total Pages504
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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