SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 143
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 82 www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir स्वतंत्रता संग्राम में जैन अमर शहीद भारमल 'सन्मति', (मराठी) के ही अगस्त 1957 के अंक में प्रकाशित संक्षिप्त लेख के अनुसार 16 दिसम्बर 1942 को पुलिस की गोली से तत्काल ही अमर शहीद भारमल का देहावसान हो गया था। Who's who of Indian martyrs, vol. I, Page 43 के अनुसार 'भारमल का जन्म 1927 के लगभग ग्राम मुरगुड, तालुका - कागल, जिला कोल्हापुर (महाराष्ट्र) में हुआ। उनके पिता का नाम श्री रामचन्द्र भारमल था। वे कक्षा 7 के विद्यार्थी थे तभी उन्होंने 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन में भाग लिया। उन्होंने कागल की ट्रेजरी पर (लूटने के लिए) हमला किया, पुलिस द्वारा पकड़े गये और उसी दिन पुलिस की गोली से मारे गये। यह घटना 13 दिसम्बर 1942 की है।' आ) (1) Whos' who of Indian myrtyrs, Vol. 1, Page 43 ( 2 ) सन्गति (मराठी), अगस्त 1957 मैं इस मंच पर खड़े होकर यह घोषणा करता हूँ कि आज हम पर जो लाठी चार्ज हुआ है, वह अंग्रेजी साम्राज्य का अन्त निकट आने की सूचना देता है- मेरे शरीर पर पड़ी एक-एक लाठी ब्रिटिश साम्राज्य के ताबूत की एक-एक कील सिद्ध होगी। For Private And Personal Use Only अमर शहीद लाला लाजपत राय इस देश की आजादी, एकता और अखण्डता की रक्षार्थ, शहीदों की स्मृति को स्थायित्व प्रदान करने के लिए उनके बलिदान - स्थलों पर स्मारक बनाना, सभाएं आयोजित करना, जन-जागरण रैलियाँ निकालना, डाक टिकट जारी करना एवं स्मारिकायें प्रकाशित करना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। रघुवीर सहाय (मध्य प्रदेश सन्देश, 15 अगस्त 1987 )
SR No.020788
Book TitleSwatantrata Sangram Me Jain
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain, Jyoti Jain
PublisherPrachya Shraman Bharati
Publication Year2003
Total Pages504
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy