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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra अनुक्रमांक १ २ ३ ४ ६ の १० ११ १२ १३ १४ १५ १६ १७ १८ www.kobatirth.org श्री सूत्रकृताङ्गसूत्र भाग ४ चौथे की विषयानुक्रमणिका विषय दूसरे श्रुतस्कंध की अवतरणिका पुण्डरीक नामका प्रथम अध्ययनका निरूपण क्रियास्थान नाम के दूसरे अध्ययनका निरूपण आहारपरिज्ञा नामके तीसरे अध्ययनका निरूपण मायाख्यान क्रिया का उपदेश नामके तीसरे अध्ययनका निरूपण आचारश्रुत नामक पांचवें अध्ययनका निरूपण आर्द्र कुमार के चरित वर्णनात्मक छडे अध्ययनका निरूपण सातवां अध्ययन सातवें अध्ययन की विषयावतरणिका राजगृह नगरका वर्णन लेप नामका गाथापतिका वर्णन उदकपेढा उत्रका आगमन एवं Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir antarraat के प्रति प्रत्याख्यान संबंध मैं शंका प्रदर्शन उदकपेालपुत्रको गौतमस्वामीका उत्तर फिर से गौतमस्वामी को उदकपेढालपुत्र का प्रश्न प्रतिज्ञाभंग के विषय में फिरसे गौतम स्वामी का उत्तर हिंसात्याग के बारे में उदकपेढाल पुत्र एवं taurants प्रश्नोत्तर गौतमस्वामीका दृष्टान्त सहित विशेष उपदेश tataमीका देशविरति धर्म आदिका समर्थन उपसंहार ॥ समाप्त ॥ For Private And Personal Use Only पृष्ठ १-२ ३-१५२ १५३-३४६ ३४७-४३० ४३१-४७३ ४७४-५५३ ५५४-६८६ ६८७ ६८८-६९० ६९०-६९६ ६९६–७०५ ७०६-७०९ ७१०-७१४ ७१४-७१६ ७१७-७२३ ७२३-७४० ७४०- ७७४ ७७४-७८४
SR No.020781
Book TitleSutrakritanga Sutram Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherJain Shastroddhar Samiti
Publication Year1971
Total Pages797
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_sutrakritang
File Size15 MB
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