SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 176
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सुरसुंदरी चरि। दसमो परिच्छेओ // 84|| सयकलिय / देवीगवेसणत्थं पढविउं साहणं राया // 121 // कहकहवि गरुयसोओ सामंतमहंतगाण वयणेण / पत्तो नियनयरम्मी | | सुनो चुन्नो निराणंदो // 122 // युग्मम् / / परिचत्तरञ्जचित्तो चिट्ठइ जा कइवि तत्थ दिवसाणि / कमलावइसंपावणआसाए धरियनियजीओ॥१२३।। ता अन्नदिणे सिन्नं समरप्पियपमुहमागयं सहसा / दीण विमणं खिन्न लज्जाविणमंतमुहकमलं // 124 // युग्मम् / अह रना आपुट्ठो समरप्पिओ कहसु भद्द ! बुत्ततं / किं दिट्ठो दुट्ठकरी देवीवि विमोइया तत्तो ? // 125 / / दीहं नीससिऊणं भणियं समरप्पिएण सुण देव ! / करिवरदिसापयट्टा पत्ता अडवीइ ता अम्हे // 126 / / तत्थ य बहुप्पयारं गवेसमाणेहिं देव! अम्हेहिं / दिट्ठो | न सो करिवरो नेव य देवी न य पउत्ती // 127 / / अवरावरसैवरगणं पुच्छंताणं सुदूरपत्ताणं / अह अन्नदिणे कहिय कप्पडियनरेण एकेण // 128 // ततो सत्तमदिवसे पउमोयरनामए सरवरम्मि / गयणाउ निवडमाणो महिलासहिओ करी दिट्ठो // 129 // तत्तो ME भयभीएणं दूरट्ठियगुविलतरुपविद्वेण / नारीरहिओ पुणरवि पलोइओ तत्थ हस्थित्ति // 130 / / वियरंतो सरतीरे, इय तस्स ओ वय| णयं सुणेऊण / भणिय दंससु भद्दय ! तं सिग्धं सरवरं अम्ह // 13 // युग्मम् // अह तेण दंसियं तं पलोइयं सरवरं समं तेण / न य उवलद्धा देवी निउणंपि गवेसमाणेहिं // 132 / / सरवरजोयणमित्ते विउत्तपुरिसेहिं पाविओ हत्थी / तं पित्तुं निराणंदा इहागया देवमूलम्मि // 133 / / ता किं तत्थेव सरे गभीरनीरम्मि उवरया देवी / अह तत्तो उत्तरि पत्ता उ कहिपि वसिमम्मि ? // 134 // | अहह्वा सावयपउरे वणम्मि केणवि विणसिया होज / न य जाणामो किंचिवि नरिंद ! देवीए वुत्ततं // 135 // एवं च जाव जंपइ समरप्पिओ पत्थिवस्स से पुरओ / ताव य दारनिउत्तो कयविणओ एवमुल्लवइ // 136 / / दारम्मि सुमइनामो 1 कटकम् / 2 बुन्नो उद्विग्नः / 3 शबरा: मिलाः / 4 कार्पटिकः परिहितजीर्णवस्त्रो यात्रिकः / 5 उपरता शान्ता=मृतेति यावत् / 6 वसिम वसितम् / ||84 // For Private and Personal Use Only
SR No.020776
Book TitleSursundari Chariyam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhaneshwarmuni
Publisher
Publication Year
Total Pages292
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy