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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir तुं तो करुणा सागर है, मुज पर करुणा करना. यह० तुं जीवन स्वामी है, तुं अंतर्यामी है, मेरी बिनती सुन लेना, भव पार तु कर देना. . यह० तेरी सावली सूरत है, मेरे मनको लुभाती है, मेरे प्यारे प्यारे आदिनाथ, युग-युग में अमर रहना. यह० तेरा शासन सुंदर है, सभी जीवों का तारक है, मेरी डूब रही नैया, नैया पार लगा देना. यह० ४६. जब कोई नही आता... जब कोई नहीं आता, मेरे दादा आते है, मेरे दुःख के, दिनो में वो बडे याद आते है. जब कोई. मेरी नैया चलती है, पतवार नहीं चलती, किसी और की अब मुजको, दरकार नहीं होती, मैं डरता नहीं जगसे, प्रभु साथ होते हैं.मेरे दु:ख के०...१ कोई याद करे इनको, दुःख हलका हो जाये, कोई भक्ति करे इनकी, वो इनके हो जाये, ये बिन बोले कुछ भी, पहचान जाते हैं. मेरे दुःखके०...२ ये इतने बड़े होकर, भक्तों से प्यार करे, अपने भक्तों के दुःख को, ये पल में दूर करे, अपने भक्तों का कहना, प्रभु मान जाते हैं.मेरे दुःखके०...३ मेरे मनके मंदिर में, दादा का वास रहे, कोई पास रहे ना रहे, मेरे दादा पास रहे, मेरे व्याकुल मनको, प्रभु जान जाते हैं. मेरे दुःखके०...४ १३४ For Private and Personal Use Only
SR No.020745
Book TitleSiddhachal Vando Re Nar Nari
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahendrasagar
PublisherMahendrasagar
Publication Year
Total Pages194
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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