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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org - Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir थोय शंखेश्वर पासजी पूजीए, नर भवनो लाहो लीजिए. मन वांछित पूरण सुर-तरु, जय वामासुत अलवेसरु. भक्ति गीत विभाग १. आदेश्वर अरज सुणो... ( राग एक बार मुखडो बताओ दीनानाथजी,) एक बार मुखडो बताओ दीनानाथजी, थारी मोहनी मूरत लागे प्यारी, आदेश्वर अरज सुणो, सिद्धाचल रा राजा थे, तो, विमलाचल रा राजा; मेरूदेवी रा लाडका लाल, आदेश्वर अरज सुणो. युगला धर्म निवारक दादा, भव तारक भगवान रे; मारा वालाजी सुनंदा रा कंत, आदेश्वर अरज सुणो एक० बाहुबलीजी तार्या दादा, भरतजी तार्या; मारी नाव लगावो भवपार टेश्वर अरज सुणो, एक० दादा थाने मालुम होवे, थारे शरण आया हो; नहिं भूलांला थारो उपकार, आदेश्वर अरज सुणो, एक० कोयलडी बोले मीठा मोरलियाजी बोले हो; थांरा 'भक्तो' करे रे पुकार, आदेश्वर अरज सुणो. एक० २. नाम है तेरा तारणहार... नाम है तेरा तारणहारा, कब तेरा दर्शन होगा, जिनकी प्रितमा इतनी सुंदर, वो कितना सुंदर होगा, १०५ For Private and Personal Use Only १ एक०
SR No.020745
Book TitleSiddhachal Vando Re Nar Nari
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahendrasagar
PublisherMahendrasagar
Publication Year
Total Pages194
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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