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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org श्री सुमतिनाथ जी का मन्दिर श्री ऋषभ देवजी के मन्दिर से लगभग १ कि. मी. की दूरी पर जयसिंहपुरा मोहल्ले में श्री सुमतिनाथ जी भगवान का मन्दिर है । सभी प्रतिमाएँ प्राचीन है। मन्दिर जीर्ण-शीर्ण है । यहाँ सेवा पूजा की व्यवस्था है । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir शीतलनाथ जी का मन्दिर श्री ऋषभदेवजी के मन्दिर से लगभग दो कि. मी. की दूरी पर माधवनगर (फिगंज) के नाम से नवीन बस्ती है । इस क्षेत्र में जैन समाज की पर्याप्त आबादी है । यहाँ पर श्री शीतलनाथजी भगवान का नूतन मन्दिर है । इस मन्दिर की प्रतिष्ठा सन् १९८८ ई में हुई है । श्री हरिभद्रसूरीश्वरजी चरण पादुका (देहरी) श्री ऋषभदेवजी के मन्दिर से दो कि. मी. की दूरी पर नीलगगा के आगे नानाखेड़ा सड़क के किनारे एक प्राचीन डेहरी बनी हुई है जिसमें श्री हरिभद्र सूरीश्वरजी की चरण पादुकाएँ हैं । प्रतिवर्ष ( आँवला नवमी) कार्तिक सुदी ९ को पर्याप्त दर्शनार्थी आते हैं । जैन उपकरण भण्डार हमारे यहां केशर, वरक, बरास, चन्वन के मुठिये, अगरबत्ति प्रतिक्रमण, स्नात्रपूजा, नवपद आदि पूजाओं की पुस्तके, पूजा के वस्त्र, बेटके, चखले, स्थापनाचार्यजी, संथारे पूज्य साधुसाध्वी जी के उपकरण, पाली की कामली, सफेद कामली, आसन, चोलपट्टे, सार्डे तथा ओड़ने के कपडे । महापूजन की सामग्री जैसे कि रक्षा पोटली अठ्ठारह अभिषेक की पुडिया, बादला, सोना रूपा के फूल मिढ़ल, पंचपट्टा नवग्रह का कपडा आदि अनेक धार्मिक उपकरण मिलने का मालव देश का एकमात्र स्थान श्री सिध्दचक्र जैन ट्रस्ट द्वारा श्री ऋषभदेव जी छगनीराम पेढ़ी ट्रस्ट श्रीपाल मार्ग खाराकुआ उज्जैन म.प्र. [58] For Private and Personal Use Only
SR No.020739
Book TitleSiddhachakra Aradhan Keshariyaji Mahatirth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJitratnasagar, Chandraratnasagar
PublisherRatnasagar Prakashan Nidhi
Publication Year1989
Total Pages81
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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