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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir M SSUE leeveeeeeee AHARIES भूमिका। प्रणालीसे यह रुद्राष्टाध्यायी सर्वजनहितार्थ पं० सीतारामात्मज "पन्नाला लजी शर्मा " साङ्गवेदाध्यापक इन्होंसे है सर्वसज्जन महानुभावोंसे निवेदन है / तैयार कर छपवाया गया है. अत एव 5 कि-रुद्राष्टाध्यायी कई जगह छपी हैं, आशा करता हूं कि, मारवाडी तथा / परंतु उनके पढनेसे बहुत कुछ कष्ट द्राविडी अन्यान्य विद्वज्जन इसको उठाना पड़ता था; जिस कष्टको दूर सादर स्वीकार करेंगे और मेरे तथा करनेके लिये कई येक द्राविडी भाई उक्त पंडितजीके परिश्रमोंको सफल धयोंके विज्ञप्तिपत्र हमारे पास आये. कर पवित्र बनायंगे / इति शम् उन कष्टोंको निवारण करना, मेरा कर्तव्य समझकर और प्रारंभसे बंद भवतां कृपाकांक्षी, बहुरा हंसराज. गणनाक मंत्रोंको तथा नमका चमका सहित मध्यमें छूटे हुए मंत्रोंको लि व्यवस्थापक, समस्त बुकडेपो-जोधपूर.5 ६खता हुआ मारवाडी भाईयोंके पाठ्यSuuruuruuuuuuuuuuuuuuuuupeeerrreececueeccured DDROBE PERATEST 600000@e For Private And Personal Use Only
SR No.020727
Book TitleShuklyajurvediya Rudrashtadhyayi Prarambh
Original Sutra AuthorN/A
Author
Publisher
Publication Year
Total Pages87
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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