SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 127
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( ११८ ) फूलका धारणा प्रमाणें परिमाण करै ॥ * ॥ इति फूल - नियमः ॥ * ॥ ७ ॥ ॥ अथ आठमा वाहन नियमः ॥ तिहां रथ । गाड़ी । घुड़वहिल । खड़सल | कोच | पालकी । घोड़ा । हाथी । चोपाला | म्याना | ( इत्यादिक ) सर्व थल वाहनजाति || मोरपंखी । बतक । घुड़दौड़ । लचकार । मगर । पनसोई । पलवार । बजरा | ( इत्यादि ) सर्व नाव जाति | सर्व तिरता । फिरता चरता । यह तीन प्रकारके वाहन धारणाप्रमाणें राखै ॥ * ॥ इति वाहन नियम ॥ ८ ॥ * ॥ ॥ अथ नवमा शय्यानियमः ॥ तिहां पिलंग | खाट । तरवत । चौकी | पट्टा गदी । खुरसी । बनात | पट्टसूजनी | सेत्रुंजी | गलीचा | चांदणी सीतलपट्टी | सफ | चटाई | सर्वजाति । दरखतकी छroat | चमका | कांबला । मुखमल | कारचोपी | ( इत्यादि ) धारणाप्रमाणे शय्या प्रमाण करै ॥ * ॥ इति शय्यानियमः ॥ * ॥ ९ ॥ ॥ अथ दशमा विलेपननियमः ॥ तिहां । सरसोंका । राईका । आटैका । तेल | फुलेल | सर्वजातिका । केशर | चंदन | कपूर । कस्तुरी । रोली | ( इत्यादि ) शरीरसुखवास्ते । ( तथा ) रोगादि कारणें ओषधादिकका विलेपन फोड़ा ऊपर मलम प्रमुख | आंखिमें अंजन | ( इत्यादि ) अंगोपांगमें लगाना । ( सो विलेपन धारणाप्रमाणे करै ॥ * ॥ इति विलेपननियमः ॥ १० ॥ * ॥ For Private And Personal Use Only
SR No.020721
Book TitleShravak Nitya Krutya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinkrupachandrasuri
PublisherNirnaysagar Press
Publication Year1923
Total Pages178
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy