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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra श्रीगुणचंद महावीरच० ।।३ ।। www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रकाशकीय अमारा श्रीसंघमां वि.स. २०५७ना वर्षाचातुर्मास माटे अमारा श्रीसंघनी आग्रहभरी विनंतीनो स्वीकार करीने पूज्यपाद जैनशासनना महान ज्योतिर्धर, देवांशी महापुरुष, युगप्रधानावतार, व्याख्यान वाचस्पति तपागच्छाधिपति आचार्य देवेश श्रीमद् विजय रामचंद्रसूरीश्वरजी महाराजाना शिष्यरत्न पूज्यपाद प्रखर प्रवचन प्रभाकर गणिवर्यश्री नयवर्धन विजयजी म.सा. आदि मुनिगण, पूज्यपाद सुविशाल गच्छाधिपति वात्सल्यवारिधि आचार्य देव श्रीमद् विजय महोदयसूरीश्वरजी महाराजानी तारक आज्ञा थतां अमारा श्रीसंघमां चातुर्मासार्थे पधार्या छे. पूज्यपादश्रीजीनी प्रभावक निश्रामां सुविशुद्ध मोक्षमार्गनी प्ररूपणानी साथ साथ रत्नत्रयीनी अनुपम आराधना थवाथी आ चातुर्मास चिरस्मरणीय बन्युं छे. पूज्य गणिवर्यश्री व्याख्यान दरम्यान भववैराग्योत्पादक 'श्रीउपमिति भवप्रपंचा कथा' ग्रंथनुं वाचन करे छे. आ ग्रंथ तथा श्री कल्पसूत्र वगेरे ग्रंथो वहोराववा ज्ञानपूजा वगेरे द्वारा ज्ञानद्रव्यनी वृद्धि विपुल प्रमाणमां थवा पामी हती, त्यारे For Private and Personal Use Only प्रकाशकीय 113 11
SR No.020689
Book TitleMahavir Chariyam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNayvardhanvijay
PublisherAhmedabad Paldi Merchant Society Jain Sangh
Publication Year1999
Total Pages696
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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