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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra प्रयोग-विधि www.kobatirth.org २१ बार मन्त्र को पढ़कर फूँक मारें । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir शावर तन्त्र शास्त्र | १८३ शींगी मछली के विष का मन्त्र मन्त्र - "शींगी मौरी मेवताशी मारे मारे दुर्गादशी जैथा लषना ता पोखरा गौरा पैठि नहाहि महादेव पढ़ि फूँकहि विष निर्विष होइ जाइ ।” साधन-विधि --- ग्रहण के समय १०००० की संख्या में जपने से मन्त्र सिद्ध हो जाता है । प्रयोग-विधि इस मन्त्र से २१ बार अभिमन्त्रित जल पिला देने से शींगी मछली का विष उतर जाता है । शुल- नाशक मन्त्र मन्त्र -- " कालि कालि महाकालि नमोस्तुते हन हन दह दह शूलं त्रिशूलेन हुँ फट् स्वाहा ।" साधन-विधि ग्रहण के समय १०००० की संख्या में जपने से मन्त्र सिद्ध हो जाता है । प्रयोग विधि इस मन्त्र द्वारा २१ बार अभिमन्त्रित जल को पिलाने से सब प्रकार के शूल शान्त हो जाते हैं । धरन ठिकाने आने का मंत्र (1) For Private And Personal Use Only मंत्र- " ऊँची नीची धरणी श्री महादेव की सरनी टली धरन आनू ठौर सत सत भाखं श्री गोरखनाथ । "
SR No.020671
Book TitleShavar Tantra Shastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajesh Dikshit
PublisherDeep Publications
Publication Year1994
Total Pages298
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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