SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 154
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org डहरूको आक से, तिल्ली को भद, कण्ठ माला को राख से तथा डढ़ झाड़ा दें | झाड़ा देते समय मन्त्रोच्चारण एक मन्त्र से ही दूर हो जाते हैं । मन्त्र साधन-विधि शनिवार के दिन से आरम्भ करके २१ दिनों तक विधि पूर्वक हनुमान जी की पूजा करते हुए नित्य १०८ बार मन्त्र का जप करें तो मन्त्र सिद्ध हो जाता है । फिर हर ग्रहण के समय तथा दिवाली की रात्रि में मन्त्र का जप करते रहना चाहिए । प्रयोग-विधि Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir शावर तन्त्र शास्त्र | १५३ छुरी से, किखलाई, अदीठ, कनफेड़, शूल को नीम की डाली से ७ बार करता जाय तो ये सब कष्ट इस दाँत दर्द झाड़ने का मन्त्र ( ४ ) - "अग्नि बांधौं अग्निश्वर बाँधौं सो खाल विकराल बाँधौं सो लोहा लोहार बाँधौं वज्रक निहाय वज्रघन दाँत पिराय महादेव के आन ।” प्रयोग-विधि पहले ग्रहण के समय मन्त्र को १०००० की संख्या में जप कर सिद्ध कर लें। आवश्यकता के समय इस मन्त्र को ७ बार पढ़ कर दर्द वाले स्थान पर ७ बार फूंक मारने से दाँत का दर्द दूर हो जाता है । दाँत दर्द का मन्त्र मन्त्र - " हे दन्ता तुम क्यों कुलता हमें तुम्हें संजाइवा हम एक सर तुम हो बत्तीस हमरी तुम्हरी कौन सी रीति । हम कमाई तुम बैठे पाउ । मृत्यु की बरियाँ संग ही जाउ 11 For Private And Personal Use Only ? प्रयोग-विधि सर्व प्रथम किसी ग्रहण के समय इस मन्त्र को १०००० की संख्या में जप कर सिद्ध कर लें । फिर आवश्यकता के समय, प्रातः काल मुँह धोते समय हाथ में जल लेकर उसे उक्त मन्त्र से ७ बार अभिमन्त्रित करके कुल्ला करें तो दाँतों की पीड़ा दूर हो जायेगी तथा हिलते हुए दाँत भी जम जायेंगे | जब तक पूर्ण लाभ न हो, तब तक इस क्रिया को नित्य करते रहना. चाहिए ।
SR No.020671
Book TitleShavar Tantra Shastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajesh Dikshit
PublisherDeep Publications
Publication Year1994
Total Pages298
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy