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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अथवा (३) जिस मंगलवार को भरणी नक्षत्र हो, उस दिन चिता की लकड़ी को उक्त मन्त्र से १०८ बार अभिमंत्रित करके, जिस व्यक्ति के दरवाजे पर गाढ़ा जाय, उसकी मृत्यु हो जाती है । मारण मन्त्र ( ४ ) मन्त्र शावर तन्त्र शास्त्र | १०१ मन्त्र “ॐ काली कंकाली महाकाली के पुत्र कंकाल भैंरूं हुक्म हाजिर रहै, मेरा भेजा काल करें, मेरा, भेजा रक्षा करे, आन बांधू, बान बांधू, दशों सुर बांधू, नौ नाड़ी बहत्तर कोठा बांधू, फूल में भेजू फल में जाइ कोठे जी पडे थरहर कंपे लहलहले मेरा भेजा सवा घड़ी सवा पहर कू वाला न करे तो माता काली की सज्या पर पग धरे, पे वाचा चुके तो ऊवा सूके वाचा छोड़ि कुवाचा करे तो धोवी नांद चमार के कूड में पड़े मेरा भेजा वाउला न करे तो महादेव की लटा टूट भूम में पड़े, माता पार्वती के चीर पे चोट करें, बिना हुकुम नहीं मारना हो काली के पुत्र कंकाल भैरूं फुरो मन्त्र ईश्वरोवाच । साधन विधि मंत्र संख्या १ के अनुसार । प्रयोग विधि- लौंगें जोड़ा, बताशे, पान सुपारी, कलावा, लोवान, धूप, कपूर तथा एक ठीकरा में रखें सिंदूर के 3 बेदा- इन सबकी त्रिशूल बनाकर, अभिमन्त्रित कर, २२ बार मंत्र पढ़कर अग्नि में होम करदे । इस प्रयोग से साध्य - व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है । मारण मन्त्र ( ५ ) For Private And Personal Use Only “ॐ नमो नरसिंहाय कपिल जटाय अमोघ वीचा सप्त वृत्ताय महोग्रचडरूपाय ॐ ह्रीं ह्रीं क्षां क्षां क्षीं क्षीं फट् स्वाहा ।"
SR No.020671
Book TitleShavar Tantra Shastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajesh Dikshit
PublisherDeep Publications
Publication Year1994
Total Pages298
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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