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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir विषय अयोगिकेवलिगुणस्थानमा योगनो अभाव होबाथी उदीरणानो अभाव ९१ उदीरणाधिकारनी समाप्ति. सत्ताधिकार । २५ सत्तानु लक्षण तथा प्रथमथी अगीयार गुणस्थानपर्यन्त १४८ प्रकृतिनी सत्तानुं निरूपण २५ सासादन अने मिश्रगुणस्थानमा १४७ प्रकृतिनी सत्ता- निरूपण ९१ २६ अनन्तानुबंधिचतुष्कनुं जेणे विसंयोजन कयु होय, देव-मनुष्यना आयुनो बन्ध को होय अने उपशमश्रेणि उपर आरूढ थयो होय तेनी अपेक्षाए अपूर्वकरण आदि चार गुणस्थानमा १४२ प्रकृतिनी सत्तानुं वर्णन ९२ २६ अविरतसम्यग्दृष्टि आदि चार गुणस्थानमा अनन्तानुबन्धि आदि सप्तक क्षयनी अपेक्षाए १४१ प्रकृतिनी सत्तानुं निरूपण २७ अविरतसम्यग्दृष्टि आदि चार गुणस्थानमां नरक, तिथंच अने सुरायुना क्षयनी अपेक्षाये १४५ प्रकृतिनी सत्तानु निरूपण २७ अनन्तानुबन्धि ४ मिथ्यात्व ५ मिश्र ६ अने सम्यक्त्व ७ आ सात प्रकृतिना क्षयनी अपेक्षाए अविरतसम्यग्दृष्टिथी लईने अनिवृत्तिबादर गुणस्थानना प्रथम भाग सुधी १३८ प्रकृतिनी सत्तानुं निरूपण ९३ २८-२९ क्षपकश्रेणिने आश्री अनिवृत्तिबादरगुणस्थानना बीजा भागथी नवमा भाग सुधी क्रमथी १२२, ११४, ११३, ११२, १०६, १०५, १०४ अने १०३ प्रकृतिनी सत्तानुं निरूपण. ९३-९४ ३० सूक्ष्मसम्परायमा १०२ अने क्षीणमोहमा १०१ अने ९९ प्रकृतिनी सत्तानुं निरूपण ३०-३१ सयोगिकेवलिगुणस्थानमा ८५ प्रकृतिनी सत्ता- निरूपण ३१-३३ अयोगिकेवलिगुणस्थानमा १३ प्रकृतिनी सत्तानुं निरूपण ९४-९५ ३४ अयोगिकेवलिगुणस्थानमा मतान्तरे १२ प्रकृतिनी सत्तानुं निरूपण ३४ महावीरस्वामिना दीक्षाग्रहणादिनुं संक्षिप्त वर्णन महावीरस्वामिने नमस्कार करवानो श्रोताने उपदेश आदि वर्णन सत्ताधिकारनी समाप्ति साथे ग्रन्थनी समाप्ति ग्रन्थकारनी प्रशस्ति ९४ ९४ ९६ % 30 -- For Private and Personal Use Only
SR No.020663
Book TitleSatikachatvar Karmgrantha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChaturvijay
PublisherJain Atmanand Sabha
Publication Year1934
Total Pages286
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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