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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir धन्यवाद. परमपूज्य आचार्य महाराज श्रीसागरचंद्रसूरीश्वरजी महाराजने मांडलगामना श्रीसंघनी चातुर्मास माटे अत्यन्त आग्रह भरी विनती थवाथो वि. सं. १९९३ ना आषाढ मुदिमां अत्र पधार्या, अने अहिंना श्रावकोने चोमासामां श्रीभगवतोजी सूत्र पंचमांग वंचाय तो बहु सारं आवो उत्साह थवाथी शा. चुनिलाल मलुकचंद तथा व्होरा मोहनलाल जीवराज तरफथी अने चोमासा बाद पनर दिवस सुधी शा. मलुकचंद खेमचंद तरफथी वंचावामां आवेल अने वि.सं. १९९४ नी सालना चोमासामा गांधी मोहनलाल नथुभाइ तरफथी चंचावामां आवेल, ते निमित्ते जे कांइ ज्ञानद्रव्यनी आवक थइ ते परमगुरुदेव युगप्रधान श्रीपार्थचंद्रसूरीश्वरजी महाराज विरचित ग्रन्थ छपावामां वापरवी. एप्रमाणे श्रीपार्श्वचंद्रगच्छना आगेवानोनी इच्छाथवाथी ते रकम आ ग्रन्थ छपावामां पेल छे. तेथी परमगुरुदेवना विरचित आ ग्रन्थोने प्रसिद्ध करवामां उत्साह धारण करी द्रव्यसहाय आपनारा मांडलगामनिवासी श्रीपाश्चंदमूरिगच्छना अनुयायीश्राकोने धन्यवाद आपवामां आवेछे तेमज खंभातबंदर निवासी प्रागबाटवंशीय शेठ दलसुखभाइ वीरचंद तरफथी सप्रेम आ ग्रन्थमा रु. २५ नी सहाय आवेल छे तेमने तथा प्रेसकाम संबंधी ना. वाडीलाल लल्लुभाइए मदद सारी करीछे. तेथी तेमने पण धन्यवाद आपवामां आवे छे. इति शम. संवत् १९९५ ज्ञानपंचमी, ली. संतचरणरज - मु. मांडल. मुनिवृद्धिचंद्र. For Private And Personal Use Only
SR No.020656
Book TitleSaptapadi Shastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarchandrasuri
PublisherMandal Sangh
Publication Year1940
Total Pages291
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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