SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 504
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir वसुबन्धु(4) वसुबन्धु (द्वितीय) विश्वनाथशास्त्री व्याडि (ई.पू. 7) श्यामदेव पराशर आर्यदेवकृतषट्सागर की व्याख्या, मैत्रेयकृत मध्यन्तविभंग की टीका, दशभूमिकाशास्त्र, सद्धर्मपुण्डरीकोपदेश, वज्रच्छेदिका-प्रज्ञापारमिता, बोधिचित्रोत्पादनशास्त्र : अभिधर्मकोश : वैशेषिकसूत्रटीका : संग्रह राजसिंहचरितम्, कादम्बिनी, अन्योक्तिशतकम्, काव्यदोष, ताजिकनीलकंठी-टीका : श्रीगुरूगोविंदसिंहचरितम् बोधिसत्त्वचरितम्, बृहत्तरभारतम् बोधायनभाष्यवृत्ति, आदर्शटीका (व्युत्पत्तिवाद और शक्तिवाद की टीका) अमरमाणिक्य : वैकुंठविजयनाटक अभिमियनाथ चक्रवर्ती : धर्मराज्यम् (नाटक) (20) अंबिकाचरण देवशर्मा : पिकदूतम् अरूणदत्त : सर्वांगसुंदरी (अष्टांगहृदय की टीका) आशुतोष सेनगुप्त पिकदूतम् इन्दुमित्र अनुन्यास (न्यास की टीका) इन्दुमति (अष्टाध्यायी की वृत्ति) ईशानचंद्र सेन राजसूयसत्कीर्तिरत्नावली ईश्वरचंद्र विद्यासागर : श्लोकमंजरी (सृक्तिसंग्रह) (19) ईश्वरपुरी : रुक्मिणीस्वयंवरम् उज्ज्वलदत्त : उणादिवृत्ति उमाचरण बन्धोपाध्याय : संपादक-संस्कृतभारती पत्रिका उमादेवी (19) आभाणकमाला उपेन्द्रनाथ सेन मकरंदिका, कुंदमाला, (19-20) पल्लिच्छवि (तीनों उपन्यास) कपिलदा तर्काचार्य आलोकतिमिरवैभवम्, (काश्यपकवि) आशुतोषवदानम्, गीतांजलि (अनुवाद), योगिभक्तचरितम्, शैशवसाधनम्, सत्यानुसभावम् डॉ. सत्यव्रत शास्त्री सुदर्शनाचार्य : दातकाचार्य परिशिष्ट (15) बंगाल में निर्मित संस्कृत वाङ्मय (1) प्रस्तुत परिशिष्ट में बंगाल (विभाजन पूर्व) में प्राचीन काल से आज तक निर्मित वाङ्मय के ग्रंथकार तथा उनके द्वारा लिखित अन्यान्य प्रकार के ग्रंथों का यथाशक्ति चयन किया गया है। ग्रंथकार के नाम के समीप जो संख्या लिखी है वह उनके आविर्भाव की शताब्दी का द्योतक है। ग्रंथ का स्वरूप (काव्य, नाटक, चम्प इ.) भी ग्रंथनाम के आगे कोष्टक में निर्दिष्ट किया है। परिशिष्ट- (15-अ) के अन्तर्गत बंगाल में निर्मित टीकात्मक वाङ्मय की सूची है। [प्रस्तुत परिशिष्ट, बेंगाल्स कॉन्ट्रिब्यूशन टू संस्कृत लिटरेचर-ले. कालीकुमार दत्त शास्त्री,- इस प्रबन्ध पर मुख्यतः आधारित है।] कर्णपूर : वर्णप्रकाश। । कविकर्णपूर कृष्णाह्निककौमुदी, (परमानंद) आनंदवृन्दावनचम्पू, चैतन्यचरितामृतम्, गौरांगेशोद्दीपिकवृत्तमाला, अलंकारकौस्तुभ। कविचन्द्र : चिकित्सारत्नावली। कविचन्द्र दत्त : काव्यचन्द्रिका (सा.शा.) कवितार्किक : कौतुकरत्नाकर (प्रहसन)। कविराम : दिग्विजयप्रकाश। कालीचरण वैद्य : चिकित्सासारसंग्रह। कालीचंद्र : काव्यदीपिका (सा.शा.) मुखोपाध्याय (१९-२०) कालिदास चक्रवर्ती : धातुप्रबोध कालीपद-तर्काचार्य काव्यचिन्ता (सा.शा.) (19-20) नलदमयंतीयम् (ना.), प्रशांतरत्नाकर (ना.), ग्रंथकार अजयपाल अजितनाथ न्यायरत्न अन्नदाचरण तर्कचूडामणि (20) ग्रंथ : नानार्थसंग्रह : बकदूत : रामाभ्युदयम्, महाप्रस्थानम्, सुमनोंजलि, ऋतुचक्रम्, तदतीतमेव, काव्यचंद्रिका (साहित्यशास्त्र) अमरमालाकोश अमरदत्त संस्कृत वाङ्मय कोश - ग्रंथ खण्ड /487 For Private and Personal Use Only
SR No.020650
Book TitleSanskrit Vangamay Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreedhar Bhaskar Varneakr
PublisherBharatiya Bhasha Parishad
Publication Year1988
Total Pages638
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary
File Size30 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy