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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir गुणचंद्रसूरि हेमविभ्रम-टीका (व्याकरण) गुणभद्रसूरि (15) : तर्करहस्यदीपिका (हरिमद्रसूरिके षड्दर्शन समुच्चय की व्याख्या)। गुणरत्नगणि सारदीपिका (काव्यप्रकाश (17) की टीका)। गुणरत्नसूरि (15) : क्रियारत्नसमुच्चय। गोकुलोत्सव सौंदर्यनिजपद्यटीका, विवेक (18-19) धैर्याश्रयटीका, संन्यासनिर्णयटीका, शृंगार रसमंडन-टीका) गोपालराव जांभेकर : गणेशविजय-काव्यम् गोविंदराव बलंवतराव : काव्यशास्त्रीयम् (19-20) (गोविंदसप्तशती), व्यासोपदेश। गोविंदाचार्य (13) : रससार (आयुर्वेद) चंदु पंडित : नैषधचरितम् की टीका (चांडुपंडित) (13) जगदेव (12) : स्वप्नचिन्तामणि (ज्योतिष) जयन्तभट्ट (13) दीपिका या जयन्ती (काव्य प्रकाश की टीका) जयमंगल सूरि : कविशिक्षा (12) देवशंकर पुरोहित : अलंकारमंजूषा (18) (रघुनाथराव और माधवराव पेशवा) की स्तुति के उदाहरण देवेश्वर (17) स्त्रीविलास द्या (विद्या) द्विवेद(11): नीतिमंजरी (या वेदमंजरी) धर्मकीर्ति (4) : न्यायबिन्दु नमिसाधु (11) : काव्यालंकारटिप्पण नरचन्द्र श्रीधरकृत न्यायकंदली की टीका। नरचन्द्रसूरि (13) : ज्योतिःसार नरहरि (12) : नरपतिजयचर्यास्वरोदय । नरेन्द्रप्रभ सूरि(13) : अलंकार महोदधि (सटीक) नारायण वैद्य : कुसुमावली(श्रीकृष्णकृत (15) वृन्दमाधव की टीका) पारिख जे.टी. : छायाशकुंतला (रूपक) पितृभूति :: कात्यायन श्रौतसूत्रभाष्य पीतांबर त्रिपाठी(13) : रेणुकासत्कीर्तिचन्द्रोदय । पुरुषोत्तम तत्त्वदीपनिबंध, प्रहस्तवाद, (17-18) प्रस्थानरत्नाकर, उत्सवप्रतान, द्वव्यशुद्धि (धर्मशास्त्र) अणुभाष्यप्रकाश, सुवर्णसूत्र, आवरणभंग (वल्लभाचार्यकृततत्त्वदीपनिबंध की व्याख्या) दीपिका (नृसिहोत्तरतापिनी उपनिषद और माण्डूक्य. गौडकारिका की व्याख्या), अर्थसंग्रह (कैवल्य और ब्राह्म उपनिषदों की व्याख्या) अमृततरंगिणी (भगवद्गीता की व्याख्या। प्रह्लादनदेव (13) : पार्थपराक्रम व्यायोग बदरीनाथ काशीनाथ : रत्नावली, मालिनी, शास्त्री (20) राधाविनोद, मिथ्यावासुदेव (चारों रुपक) अवन्तिनाथ (मूल- गुजराती उपन्यास), वल्लभदिग्विजयम्। बुद्धिसागर (11) पंचग्रंथिव्याकरणम् (या बुद्धिसागरव्याकरण) छन्दःशास्त्रम्। ब्रह्मगुप्त ब्राह्मस्फुट सिद्धान्त (भिल्लमल्लकाचार्य) (ज्यो.) ध्यानग्रह, (6-7) जयरत्नगणि दोषरत्नावली (ज्योतिष) (17) ज्वरपराजय (वैद्यक) जयराशिभट्ट (13) : तत्त्वोपप्लवसिंह (चार्वाकदर्शन) जयशंकर द्विवेदी (18) : नवनन्दनन्दनरति (नाटक) जयानन्द सूरि काव्यप्रकाशटीका ज्ञानमेरु कविमुखमण्डन (साहित्य.) झाला जी.सी.(20) सुषमा (काव्यस्ग्रह) त्रिकाण्डमण्डन आपस्तंबसूत्र ध्वनिसार्थकारिका दानविजयसूरि(18) : शब्दभूषण दुर्गसिंह (4) निरुक्तटीका दुर्गाचार्य : ऋजुविमलावृत्ति (1-2) (निरुक्त टीका) दुर्गेश्वर (18) : धर्मोद्धरण (रूपक) दुर्लभराज (12) सामुद्रिकतिलक (ज्योतिष) (पुत्र जगदेव ने ग्रंथ पूर्ण किया) देवदत्त (14) : रत्नमालिका (आयुर्वेद) देवयाज्ञिक(12) : कात्यायनश्रौतसूत्रभाष्य संस्कृत वाङ्मय कोश - ग्रंथ खण्ड/471 For Private and Personal Use Only
SR No.020650
Book TitleSanskrit Vangamay Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreedhar Bhaskar Varneakr
PublisherBharatiya Bhasha Parishad
Publication Year1988
Total Pages638
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary
File Size30 MB
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