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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्रीविद्यार्थदीपिका - ले.-विद्यारण्य । श्रीविद्यारत्नसूत्रदीपिका - ले.-परमहंस परिव्राजकाचार्य श्रीविद्यारण्य विरचित श्रीविद्यारत्नसूत्र की दीपिका नाम की व्याख्या। श्रीविद्यार्चनपद्धति - श्लोक- 500। श्रीविद्या-लघुपद्धति - श्लोक- 500। प्रकाश- 4। श्रीविद्याविलास - ले.-गगनानन्दनाथ। गुरु- श्रीशंकराचार्य । उल्लास- 71 विषय- श्रीविद्या के उपासक की दिनचर्या, सुन्दरीपूजा, प्राणायाम, श्रीचक्रपूजा आवरणपूजा, पारायणाक्रम, पुरश्चरणविधि इ.। श्रीविद्याविशेषपूजापद्धति - श्लोक- 5251 श्रीविद्योपासनापद्धति- - श्लोक- 518 | श्रीविष्णुचतुर्विंशत्यवतारस्तोत्रम्- ले.- स्वामी लक्ष्मणशास्त्री। नागौर (राजस्थान) निवासी। चित्रकाव्य। विष्णु के भागवतोक्त (2-7) 24 अवतारों का स्तवन । श्रीविष्णुचरित्रामृतम् - ले.-स्वामी लक्ष्मणशास्त्री, नागौर (राजस्थान)। श्रीशंकरगुरुकुलम् . सन 1939 में श्रीरंगम् से टी.के.बालसुब्रह्मण्यम् के सम्पादकत्व में इसका प्रकाशन प्रारंभ हुआ। यह पत्र पांच वर्षों तक प्रकाशित हुआ। अप्रकाशित संस्कृत वाङ्मय प्रकाशित करना इसका उद्देश्य था। इस पत्र के कुल छह विभागों में वेदान्त, मीमांसा, काव्य, चम्पू, नाटक और अलंकार विषयक सामग्री प्रकाशित की जाती थी। अन्य प्रमों की पावर टीकाएं और शोध निबन्धों के साथ ही अनेक उच्चकोटि के ग्रंथों का प्रकाशन इस पत्रिका में हुआ। श्रीशिवकर्मदीपिका - सन 1915 में कुम्भकोणम् से श्री चन्द्रशेखर शास्त्री के संपादकत्व में इस पत्रिका का प्रकाशन प्रारंभ हुआ। इस में धार्मिक साहित्य का ही प्रकाशन हुआ। श्रीशैलकुलवैभवम् - ले.-नृसिंहसूरि। विषय- रामानुजाचार्य का चरित्र। श्रीसिद्धसूक्ति - श्रीसिद्धशाम्भव- तन्त्रान्तर्गत । श्लोक- 6501 पटल- 13 | विषय- रसायनविधि। पारद के 18 संस्कार इसमें प्रतिपादित हैं। श्रीसूक्तम् - 25 ऋचाओं का एक लोकप्रिय वैदिक सूक्त। ऋग्वेद के पांचवे मंडल के अंत में यह जोडा गया है। फिर भी यह तीन हजार वर्ष पूर्व का होना चाहिये। यास्क व शौनक ने इसका उल्लेख किया है। पहली ऋचा लक्ष्मी के नाम पर है। अक्षय टिकने वाली लक्ष्मी की महिमा इसमें वर्णित है। श्रीसूक्त पर विद्यारण्य, पृथ्वीधर, श्रीकंठ के भाष्य हैं। श्रीसूक्तपद्धति - श्लोक- 225 । श्रीसूक्तविधानकारिका - ले.-श्रीवैद्यनाथ पायगुण्डे। श्लोक7861 श्रीसूक्तविद्याचन्द्रिका - ले.-भासुरानन्द। श्लोक- 5271 श्रीहरिद्वादशाक्षरीस्तोत्रम् - ले.-स्वामी लक्ष्मणशास्त्री। नागौर (राजस्थान) निवासी। श्रुतकीर्तिविलासचम्पू - ले.-सूर्यनारायण। श्रुतपूजा - ले.-ज्ञानभूषण। जैनाचार्य। ई. 16 वीं शती। श्रुतप्रकाशिका - ले.-सुदर्शन व्यास भट्टाचार्य। ई. 14 वीं शती। पिता- विश्वजयी। श्रुतदीपिका - ले.-सुदर्शन व्यास भट्टाचार्य। ई. 14 वीं शती। पिता- विश्वजयी। श्रुतबोध - ले.- कालिदास। यह एक उत्कृष्ट छन्दःशास्त्रीय रचना है। टीकाकार : (1) हर्ष-कीर्ति उपाध्याय, (2) मनोहर शर्मा, (3) ताराचन्द्र, (4) हंसराज, (5) गोविन्दपुत्र माधव, (इ. 1640 में रचित) (6) लक्ष्मीनारायण, (7) वासुदेव, (8) शुकदेव, (9) मेघचन्द्र शिष्य, (10) चतुर्भुज, (11) नागाजी (पिता- हरजी)। श्रुतस्कन्धपूजा - ले.-श्रुतसागरसूरि । जैनाचार्य । ई. 16 वीं शती। श्रुतपरीक्षा - ले.- कल्याणरक्षित। ई.9 वीं शती। विषयबौद्धमत। तिब्बती अनुवाद उपलब्ध । श्रुतिप्रकाशिका :- 1886 में ब्राह्मसमाज कलकत्ता द्वारा इस पत्रिका का प्रकाशन आरंभ हुआ। संपादक गौर गोविन्दराय थे। इसमें वैदिक धर्मसंस्कृति विषयक चर्चाएं प्रकाशित होती थीं। इसका दूसरा नाम था "श्रुतप्रकाशः" ।। अतिप्रकाशिका (टीका) - ले.-श्री सदर्शन सरि । ई.14 वा शती। श्रुतिभास्कर - ले.- भीमदेव। श्रुतिमतोद्योत - ले.- त्र्यम्बकशास्त्री। श्रुतिमीमांसा - ले.-नृसिंह वाजपेयी। श्रुतिसारसमुद्धरणम् - ले.-तोटकाचार्य। ई. 8 वीं शती। श्लोकसंख्या- 179। श्रुतिसारसमुद्धरण-प्रकरणम् - ले.-तोटकाचार्य। विषय- देवी की तान्त्रिक पूजा। श्रुत्यन्त-सुरद्रुम - ले. पुरुषोत्तमाचार्य। आचार्य निबार्क से 7 वीं पीढी के आचार्य। ई. 13 वीं शती। यह निंबार्ककृत श्रीकृष्णस्तवराज की पांडित्यपूर्ण व्याख्या है। श्रेणिकचरितम् - ले.-शुभचन्द्र । जैनाचार्य । ई. 16-17 वीं शती। श्रौतस्मातकर्मप्रयोग - ले.-नृसिंह । श्रौतस्मातविधि - ले.-बालकृष्ण । श्वेतकालीस्तोत्रम् - वाडवानलीयतन्त्रान्तर्गत। विषयश्वेतकाली-कवच, श्वेतकाली- सहस्रनाम, श्वेतकालीस्तवराज, श्वेतकाली-मातृकास्तोत्र। श्वेताश्वतर उपनिषद् - कृष्ण यजुर्वेद की श्वेताश्वतर शाखा का संस्कृत वाङ्मय कोश - ग्रंथ खण्ड / 385 For Private and Personal Use Only
SR No.020650
Book TitleSanskrit Vangamay Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreedhar Bhaskar Varneakr
PublisherBharatiya Bhasha Parishad
Publication Year1988
Total Pages638
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary
File Size30 MB
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